पंजाब के वित्त, योजना, आबकारी और कराधान मंत्री एडवोकेट हरपाल सिंह चीमा ने पंजाब सरकार के सभी प्रशासनिक सचिवों के साथ एक उच्च स्तरीय बैठक में राज्य के राजस्व और पूंजी सृजन में वृद्धि के प्रयासों को तेज करने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि राज्य के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) को गति देने के लिए ठोस और रणनीतिक कदम उठाना समय की मांग है।
राजस्व बढ़ाने पर चर्चा
पंजाब भवन में आयोजित इस बैठक में वित्त मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे अपने-अपने विभागों में पूंजी सृजन के संभावित क्षेत्रों की पहचान करें। उन्होंने विशेष रूप से ऐसे उपेक्षित क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करने का आग्रह किया, जो अब तक राजस्व उत्पन्न करने में योगदान नहीं दे सके।
हरपाल सिंह चीमा ने कहा,
“राज्य के आर्थिक विकास को सुदृढ़ करने के लिए सभी विभागों को एकजुट होकर काम करना होगा। विकास परियोजनाओं के लिए आवंटित धनराशि का समय पर और प्रभावी उपयोग सुनिश्चित करना आवश्यक है ताकि फंड लैप्स न हो।”
बैठक के दौरान, आईएएस अधिकारी कृष्ण कुमार को वित्त आयुक्त (कराधान) के रूप में उनकी उत्कृष्ट सेवाओं के लिए सम्मानित किया गया। वित्त मंत्री ने उनकी टीम की सराहना करते हुए कहा कि नवंबर 2023 में 62.93% की जीएसटी संग्रह वृद्धि दर्ज की गई है। यह राज्य के लिए एक ऐतिहासिक उपलब्धि है, जिसके तहत इस महीने 2,477.37 करोड़ रुपये का शुद्ध जीएसटी संग्रह हुआ।
वित्त मंत्री ने कहा कि यह उपलब्धि राज्य के प्रशासनिक अधिकारियों की मेहनत और समर्पण का प्रमाण है। कृष्ण कुमार और उनकी टीम ने कराधान के क्षेत्र में उत्कृष्ट काम कर राज्य की आर्थिक स्थिति को बेहतर बनाने में योगदान दिया है।
प्रमुख चर्चा के बिंदु
- पूंजी सृजन के नए क्षेत्र:
बैठक में वित्त मंत्री ने प्रशासनिक सचिवों को निर्देश दिया कि वे अपने-अपने विभागों में राजस्व बढ़ाने के लिए संभावित क्षेत्रों की पहचान करें। - विकास निधि का समय पर उपयोग:
अधिकारियों को निर्देश दिया गया कि वे सुनिश्चित करें कि विकास परियोजनाओं के लिए आवंटित धनराशि समय पर उपयोग हो और फंड लैप्स न हो। - शिक्षा और सड़क नेटवर्क में निवेश:
पंजाब के मुख्य सचिव के.ए.पी. सिन्हा और प्रमुख सचिव वित्त अजोय कुमार सिन्हा ने शिक्षा और सड़क नेटवर्क जैसे क्षेत्रों में विकास निधियों के प्रभावी उपयोग की आवश्यकता पर जोर दिया। - राजस्व उत्पन्न करने के उपाय:
बैठक में उन क्षेत्रों पर चर्चा की गई जो राजस्व उत्पन्न करने में सहायक हो सकते हैं। इसमें औद्योगिक और व्यापारिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के सुझाव शामिल थे।
वित्त मंत्री ने कहा कि राज्य के आर्थिक विकास के लिए यह बैठक एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने सभी विभागों से समन्वय के साथ कार्य करने का आह्वान किया। हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि राज्य सरकार का उद्देश्य न केवल राजस्व बढ़ाना है, बल्कि सामाजिक और भौतिक बुनियादी ढांचे को भी सुदृढ़ करना है।
वित्त मंत्री ने आश्वासन दिया कि सरकार पूंजी सृजन और राजस्व बढ़ाने के लिए दीर्घकालिक नीतियां तैयार कर रही है। उन्होंने अधिकारियों से आग्रह किया कि वे नई संभावनाओं की खोज करें और राज्य के विकास में योगदान दें।