प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ में इस बार सरकार ने श्रद्धालुओं के लिए बड़े इंतजाम किए हैं। मकर संक्रांति से शुरू हुए इस धार्मिक मेले में लाखों श्रद्धालु आ रहे हैं। योगी सरकार ने श्रद्धालुओं पर हेलिकॉप्टर से पुष्प वर्षा की योजना बनाई थी, ताकि वे इसे खास अनुभव कर सकें। लेकिन पौष पूर्णिमा के स्नान पर्व पर यह योजना पूरी नहीं हो पाई, जिससे सरकार ने सख्त कदम उठाए हैं।
हेलिकॉप्टर कंपनी पर FIR
पुष्प वर्षा में देरी के मामले में एम.ए. हेरीटेज एविएशन प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के सीईओ रोहित माथुर, पायलट कैप्टन पुनीत खन्ना और परिचालक प्रबंधन के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। यूपी सिविल एविएशन डिपार्टमेंट के परिचालन प्रबंधन केपी रमेश ने महाकुंभ नगर की कोतवाली में यह शिकायत दर्ज कराई।
आरोप है कि कंपनी ने बिना सूचना दिए हेलिकॉप्टर को अयोध्या भेज दिया, जिससे पौष पूर्णिमा के स्नान पर्व पर पुष्प वर्षा समय से नहीं हो सकी। सरकार ने इसे श्रद्धालुओं के प्रति लापरवाही मानते हुए संबंधित कंपनी के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।
पुष्प वर्षा की योजना क्यों थी खास?
योगी सरकार ने महाकुंभ में पहली बार हेलिकॉप्टर से पुष्प वर्षा का आयोजन किया था। इसका उद्देश्य श्रद्धालुओं को विशेष अनुभव प्रदान करना और मेले को और आकर्षक बनाना था। पुष्प वर्षा की जिम्मेदारी एम.ए. हेरीटेज एविएशन कंपनी को सौंपी गई थी, जिसे पौष पूर्णिमा के दिन सुबह से फूलों की बारिश करनी थी।
लेकिन तय कार्यक्रम के अनुसार, यह आयोजन नहीं हो पाया। कंपनी ने हेलिकॉप्टर को बिना किसी पूर्व सूचना के अयोध्या भेज दिया। सरकार ने इसे एक गंभीर चूक मानते हुए कंपनी और जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी है।
महाकुंभ की प्रमुख तिथियां
इस बार प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ को खास माना जा रहा है, क्योंकि यह 144 वर्षों बाद आया है। संगम में पवित्र स्नान के लिए छह प्रमुख तिथियां तय की गई हैं:
1. पौष पूर्णिमा (13 जनवरी): यह पहला स्नान पर्व था, जिसमें लाखों श्रद्धालुओं ने संगम में डुबकी लगाई।
2. मकर संक्रांति (14 जनवरी): महाकुंभ मेले का पहला शाही स्नान, जिसमें साधु-संतों ने अखाड़ों के साथ गंगा स्नान किया।
3. मौनी अमावस्या (29 जनवरी): अगला शाही स्नान, जिसमें करोड़ों श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है।
4. वसंत पंचमी (3 फरवरी): सरस्वती पूजा के साथ स्नान का विशेष महत्व।
5. माघी पूर्णिमा (12 फरवरी): धार्मिक अनुष्ठानों के साथ संगम स्नान का पर्व।
6. महाशिवरात्रि (26 फरवरी): महाकुंभ का अंतिम स्नान पर्व।
सरकार का खास ध्यान
योगी सरकार ने महाकुंभ को यादगार बनाने के लिए कई विशेष इंतजाम किए हैं। मेले में स्वच्छता, सुरक्षा, और सुविधाओं पर खास ध्यान दिया गया है। श्रद्धालुओं के लिए शौचालय, पेयजल और परिवहन के व्यापक इंतजाम किए गए हैं। साथ ही, मेले में श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए ड्रोन कैमरों और सीसीटीवी से निगरानी की जा रही है।
सरकार का रुख सख्त
हेलिकॉप्टर पुष्प वर्षा में हुई देरी को लेकर सरकार का रुख सख्त है। अधिकारियों ने कहा है कि महाकुंभ में श्रद्धालुओं के लिए की गई व्यवस्थाओं में किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। प्रशासन इस बात पर जोर दे रहा है कि भविष्य में इस तरह की घटनाएं न हों।
अगले स्नान पर्व पर उम्मीद
अब प्रशासन ने मौनी अमावस्या (29 जनवरी) के शाही स्नान पर पुष्प वर्षा को लेकर तैयारियां तेज कर दी हैं। उम्मीद है कि यह आयोजन बिना किसी रुकावट के पूरा होगा और श्रद्धालु महाकुंभ का यह विशेष अनुभव ले सकेंगे।
महाकुंभ में इस बार सुरक्षा और सुविधा के विशेष इंतजाम श्रद्धालुओं को आकर्षित कर रहे हैं। लाखों की संख्या में लोग गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के संगम में डुबकी लगाकर पुण्य अर्जित कर रहे हैं। आगामी स्नान पर्वों में भी श्रद्धालुओं का उत्साह बना हुआ है।