अमेरिका के लॉस एंजेलिस में जंगलों में लगी भीषण आग ने अब रिहायशी इलाकों को भी अपनी चपेट में ले लिया है। इस विनाशकारी आग ने अब तक हजारों घरों को जलाकर राख कर दिया है और 70,000 से अधिक लोगों को अपने घर छोड़ने पर मजबूर कर दिया है।
आग का भयावह रूप
यह आग पहली बार बीते मंगलवार को जंगलों में देखी गई थी, लेकिन कुछ ही दिनों में इसने विकराल रूप ले लिया। अब तक यह आग 5,000 एकड़ से अधिक क्षेत्रफल को अपनी चपेट में ले चुकी है। आग का फैलाव इतना तेज़ है कि इसका असर लॉस एंजेलिस के पूर्वी हिस्से से सांता मोनिका और मालिबू के समुद्र तटीय क्षेत्रों तक महसूस किया जा रहा है। यह क्षेत्र मशहूर हस्तियों और संगीत उद्योग के दिग्गजों के घरों के लिए जाना जाता है।
मानवीय और आर्थिक नुकसान
आग की चपेट में आने से अब तक 1,500 से अधिक घर पूरी तरह नष्ट हो चुके हैं। आग की वजह से दो लोगों की मौत होने की खबर सामने आई है, हालांकि इन मौतों की अभी तक आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। इस भयावह आग ने अरबों डॉलर की संपत्ति को नुकसान पहुंचाया है।
विस्थापन और आपदा प्रबंधन
आग के बढ़ते खतरे को देखते हुए आसपास के इलाकों से 70,000 से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। आग की वजह से लॉस एंजेलिस यूनिफाइड स्कूल डिस्ट्रिक्ट के सभी स्कूल गुरुवार को बंद कर दिए गए हैं। स्कूलों के भविष्य को लेकर अधीक्षक अल्बर्टो कार्वाल्हो ने कहा कि हालात बेहद खतरनाक हैं और बच्चों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए शुक्रवार को भी स्कूल बंद रह सकते हैं।
सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया
दुनिया के सबसे अमीर व्यक्तियों में शामिल एलन मस्क ने सोशल मीडिया साइट ‘एक्स’ पर इस आग से जुड़ा एक वीडियो साझा किया है। वीडियो में जलते हुए घर और जंगल की भयावह स्थिति को दिखाया गया है। यह वीडियो एक चलती कार से शूट किया गया है और आग की विनाशकारी स्थिति को स्पष्ट रूप से दिखाता है।
वायु परिवहन और विजिबिलिटी पर असर
इस आग का असर वायु परिवहन पर भी पड़ रहा है। आसपास के शहरों से उड़ान भरने वाली और यहां लैंड करने वाली फ्लाइट्स को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। आग की वजह से आसमान में धुएं का एक बड़ा गुबार बन गया है, जिससे विजिबिलिटी बेहद कम हो गई है।
जंगलों में आग लगने की वजह
अमेरिका के जंगलों में आग लगने की घटनाएं अक्सर देखने को मिलती हैं। इन घटनाओं के पीछे मुख्य कारण जलवायु परिवर्तन है। जलवायु परिवर्तन के कारण तापमान में वृद्धि और नमी की कमी हुई है, जिससे जंगल सूखे पत्तों और घास में आग तेजी से फैलती है।
इसके अलावा, मानवीय लापरवाही भी एक बड़ी वजह है। पायरोटेक्निक डिवाइस का इस्तेमाल, बिजली की लाइनों का आर्क और लापरवाही से छोड़ी गई आग के कारण ऐसी घटनाएं होती हैं। इस बार भी विशेषज्ञों का मानना है कि जलवायु परिवर्तन और मानवीय लापरवाही ने मिलकर इस आग को विकराल रूप दिया है।
सवालों के घेरे में आपदा प्रबंधन
इस तरह की घटनाएं अमेरिका में पहली बार नहीं हुई हैं। पिछले कुछ वर्षों में जंगलों में आग लगने की घटनाओं में वृद्धि देखी गई है। सवाल उठ रहा है कि इस तरह की आपदाओं से निपटने के लिए पहले से तैयारी क्यों नहीं की जाती।
लॉस एंजेलिस के जंगलों में लगी यह आग न केवल पर्यावरणीय आपदा है, बल्कि इसे मानवीय त्रासदी के रूप में भी देखा जा सकता है। हजारों लोग अपने घरों से बेघर हो गए हैं, अरबों डॉलर का नुकसान हो चुका है, और इसका असर आने वाले दिनों में भी महसूस किया जाएगा। जलवायु परिवर्तन और आपदा प्रबंधन को लेकर गंभीरता से विचार करने का यह सही समय है।