प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ में श्रद्धालुओं का जनसैलाब उमड़ पड़ा है। 29 जनवरी को मौनी अमावस्या के पवित्र अवसर पर त्रिवेणी संगम में डुबकी लगाने के लिए देश-विदेश से श्रद्धालु प्रयागराज पहुंच रहे हैं। मौनी अमावस्या हिंदू धर्म में एक विशेष महत्व रखती है, और इसे बेहद शुभ माना जाता है। इसी कारण से इस अवसर पर करोड़ों श्रद्धालु गंगा, यमुना और सरस्वती के पवित्र संगम में स्नान कर पुण्य अर्जित करने के लिए यहां एकत्रित होते हैं।
श्रद्धालुओं की भारी भीड़
अधिकारियों के मुताबिक, शुक्रवार और शनिवार को करीब 1.25 करोड़ श्रद्धालुओं ने संगम में स्नान किया। वहीं, मौनी अमावस्या के दिन 10 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं के पवित्र स्नान की उम्मीद है। इस वजह से प्रयागराज के रेलवे स्टेशन, बस स्टॉप और राजमार्गों पर यात्रियों की भारी भीड़ देखी जा रही है।
प्रशासन की व्यापक तैयारियां
श्रद्धालुओं को किसी भी परेशानी का सामना न करना पड़े, इसके लिए प्रशासन और पुलिस ने व्यापक इंतजाम किए हैं। महाकुंभ मेला क्षेत्र को नो-व्हीकल ज़ोन घोषित कर दिया गया है, जिससे भक्तों की आवाजाही सुचारू हो सके। श्रद्धालुओं के लिए विभिन्न सेक्टरों और जोनों में विशेष व्यवस्थाएं की गई हैं।
सार्वजनिक सुविधाओं पर जोर:
प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि मौनी अमावस्या के “अमृत स्नान” के दौरान कोई विशेष प्रोटोकॉल लागू नहीं होगा, ताकि सभी श्रद्धालु समान रूप से सुविधाओं का लाभ उठा सकें। सार्वजनिक सुविधा को ध्यान में रखते हुए मेले में 2,000 से अधिक नए साइनेज लगाए गए हैं, जो श्रद्धालुओं को सही दिशा में मार्गदर्शन करेंगे।
तकनीक का उपयोग
श्रद्धालुओं को महाकुंभ के आधिकारिक चैटबॉट को डाउनलोड करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। यह चैटबॉट उनकी यात्रा को अधिक सुविधाजनक बनाने में मदद करेगा। इसके अलावा, Integrated Control and Command Centre को भी सक्रिय कर दिया गया है, जो मेले की व्यवस्थाओं पर नजर रखेगा।
आस्था और उत्साह का संगम
महाकुंभ में उमड़ी यह भीड़ भारतीय संस्कृति और आध्यात्मिकता का अद्भुत उदाहरण है। श्रद्धालु पवित्र स्नान के साथ भगवान के प्रति अपनी श्रद्धा व्यक्त कर रहे हैं। प्रशासन की तैयारियां और भक्तों का उत्साह इस आयोजन को भव्य और व्यवस्थित बना रहे हैं।
मौनी अमावस्या पर प्रयागराज का यह नजारा एक बार फिर से आस्था और संगठन का संगम प्रस्तुत कर रहा है।