सोने की कीमतों में बढ़ोतरी का सिलसिला जारी है। कमजोर अमेरिकी डॉलर और नए भू-राजनीतिक तनावों के कारण मंगलवार (19 नवंबर) को सोने की कीमतें एक सप्ताह के उच्चतम स्तर पर पहुंच गईं। अंतरराष्ट्रीय बाजार में स्पॉट गोल्ड 0.4% बढ़कर 2,623.54 डॉलर प्रति औंस हो गया, जो 12 नवंबर के बाद का सबसे ऊंचा स्तर है। अमेरिकी सोना वायदा भी 0.5% की वृद्धि के साथ 2,627.60 डॉलर प्रति औंस पर पहुंच गया।
सोमवार को सोने की कीमतों में 2% का उछाल देखा गया। घरेलू बाजार में भी इसका असर दिखा। मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) पर खबर लिखे जाने तक सोना 0.95% की तेजी के साथ 75,761 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गया।
भू-राजनीतिक तनाव ने बढ़ाई मांग
रूस और यूक्रेन के बीच बढ़ते तनाव ने सोने की मांग को नई ऊंचाई दी। रूस द्वारा यूक्रेन पर किए गए अब तक के सबसे बड़े हवाई हमले और अमेरिका से भेजी गई मिसाइलों के उपयोग की स्वीकृति ने वैश्विक अनिश्चितता को और बढ़ा दिया। ऐसे समय में, जब बाजार अस्थिर होते हैं, सोना एक सुरक्षित निवेश विकल्प के रूप में सबसे अधिक पसंद किया जाता है।
कमजोर डॉलर और फेड पॉलिसी का प्रभाव
पिछले सप्ताह निवेशकों द्वारा मुनाफा वसूली के चलते अमेरिकी डॉलर कमजोर हुआ। अन्य मुद्राओं का उपयोग करने वाले निवेशकों के लिए सोना अधिक किफायती और आकर्षक बन गया, जिससे इसकी मांग में इजाफा हुआ।
इसके अतिरिक्त, अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में कटौती की संभावनाओं ने भी सोने की कीमतों को ऊंचाई पर पहुंचा दिया। ब्याज दरों में कटौती का मतलब है कि बचत पर मिलने वाला रिटर्न कम हो जाता है, जिससे निवेशक सोने को बेहतर विकल्प मानते हैं। फेडरल रिजर्व ने हाल के दो मौकों पर ब्याज दरों में कटौती की है। दिसंबर में होने वाले फैसले पर सभी की निगाहें टिकी हुई हैं।
भारतीय बाजार में प्रभाव
अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमतों में बढ़ोतरी का असर भारतीय वायदा बाजार में भी दिखा। MCX पर सोना 75,761 रुपये प्रति 10 ग्राम तक पहुंच गया। साथ ही, ब्याज दरों में कटौती और भू-राजनीतिक तनाव भारत में पुराने गहनों की कीमतों में भी इजाफा कर रहे हैं।
भविष्य के अनुमान
गोल्डमैन साक्स के अनुसार, सोने की कीमतें भविष्य में और अधिक बढ़ सकती हैं। कंपनी के अनुमानों के मुताबिक, 2025 तक सोना 3,000 डॉलर प्रति औंस तक पहुंच सकता है। हालांकि, यदि फेडरल रिजर्व ब्याज दरों में कटौती में देरी करता है, तो यह रुझान धीमा हो सकता है।
निवेशकों के लिए संकेत
सोने की बढ़ती कीमतें यह संकेत देती हैं कि अस्थिरता के समय में यह सबसे विश्वसनीय निवेश साधन बना हुआ है। यदि भू-राजनीतिक तनाव और डॉलर की कमजोरी जारी रहती है, तो सोने की कीमतों में और वृद्धि हो सकती है।
निवेशकों को आने वाले महीनों में कीमतों में संभावित वृद्धि के लिए सतर्क रहने और सोने में निवेश करने का निर्णय सोच-समझकर लेने की सलाह दी जाती है।