गुरुनानक जयंती के उपलक्ष्य में जहां कमोडिटी बाजार में कारोबार बंद है, वहीं सोने और चांदी के दामों में एक बार फिर गिरावट आई है। हालांकि मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) पर आज सोने और चांदी का कारोबार नहीं हो रहा है, लेकिन स्थानीय सर्राफा बाजारों में इनकी कीमतों का प्रभाव देखा जा सकता है। खासकर, बीते दस दिनों में सोने-चांदी के दाम 6 फीसदी से ज्यादा गिर चुके हैं, जो अंतर्राष्ट्रीय बाजार में डोनाल्ड ट्रंप की वापसी की खबर के बाद से हुआ है। इसके अलावा, रुपये में गिरावट और डॉलर की मजबूती भी सोने की चमक को कमजोर कर रही है।
सोने-चांदी के दामों में गिरावट
सोने के दाम पिछले कुछ दिनों में लगातार गिरते रहे हैं। 5 नवंबर को सोने के दामों में करीब 5000 रुपये की गिरावट आई थी, और अब यह गिरावट लगातार जारी है। दिल्ली के सर्राफा बाजार में गुरुवार को सोने की कीमतों में 700 रुपये की गिरावट देखी गई, और यह 77,050 रुपये प्रति 10 ग्राम पर आ गई। वहीं, 99.9 प्रतिशत शुद्धता वाले सोने की कीमत पिछले सत्र में 77,750 रुपये प्रति 10 ग्राम थी।
इसके अलावा, चांदी की कीमतों में भी गिरावट दर्ज की गई है। चांदी 2,310 रुपये प्रति किलो लुढ़ककर 90,190 रुपये प्रति किलोग्राम रह गई, जबकि इसका पिछला बंद भाव 92,500 रुपये प्रति किलोग्राम था। इससे पहले सोने की कीमतों में लगातार गिरावट देखने को मिली थी, और 99.5 प्रतिशत शुद्धता वाले सोने की कीमत 700 रुपये घटकर 76,650 रुपये प्रति 10 ग्राम पर आ गई थी।
स्थानीय बाजार में बढ़ी कीमतें
हालांकि मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज पर कारोबार बंद होने के बावजूद, स्थानीय सर्राफा बाजार में सोने के दामों में थोड़ा सुधार देखा गया। दिल्ली में सोने के दाम 100 रुपये बढ़कर 69,600 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गए हैं। इसके साथ ही 22 कैरेट शुद्धता वाले सोने का दाम 70,000 रुपये प्रति 10 ग्राम से नीचे आ गया है, जो एक महत्वपूर्ण संकेत है।
वहीं, 24 कैरेट शुद्धता वाले सोने के दाम 110 रुपये चढ़कर 75,910 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गए हैं। अगर हम ताजा रेट्स की बात करें तो ऑल इंडिया जेम्स एंड ज्वैलरी डोमेस्टिक काउंसिल के पोर्टल पर दिए गए रेट के मुताबिक, सोने का ताजा रेट 73,500 रुपये प्रति 10 ग्राम है। यह बदलाव सोने के बाजार में पिछले कुछ दिनों से हो रही हलचल को दर्शाता है।
डॉलर की मजबूती और रुपये में गिरावट
हालांकि सोने के दामों में गिरावट का मुख्य कारण डॉलर की मजबूती और रुपये की गिरावट है, डोनाल्ड ट्रंप की वापसी की खबरें भी अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में सोने की कीमतों को प्रभावित कर रही हैं। जब डॉलर मजबूत होता है, तो निवेशक अपनी पूंजी को डॉलर आधारित संपत्तियों में निवेश करना पसंद करते हैं, जिससे सोने की कीमतों में दबाव बढ़ता है। इसके अलावा, रुपये की गिरावट ने भी सोने के दामों में और अधिक दबाव डाला है।
भविष्य में सोने-चांदी की कीमतों का अनुमान
विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले दिनों में सोने-चांदी के दामों में उतार-चढ़ाव जारी रह सकता है, क्योंकि अंतर्राष्ट्रीय और घरेलू बाजारों में कई कारक प्रभाव डाल रहे हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, अगर डॉलर की मजबूती और रुपये की कमजोरी बनी रहती है, तो सोने की कीमतों में और गिरावट देखी जा सकती है। वहीं, अगर सोने की मांग बढ़ती है या वैश्विक आर्थिक स्थिति में बदलाव आता है, तो सोने के दामों में फिर से तेजी आ सकती है।