
7 अप्रैल को शेयर बाजार में जब 3,000 अंकों से ज्यादा की गिरावट दर्ज की गई, तब इसका असर सिर्फ शेयरों तक सीमित नहीं रहा, बल्कि सोने और चांदी की कीमतों में भी जोरदार गिरावट देखने को मिली। जहां निवेशक डूबते बाजार में मुनाफा कमाने की कोशिश कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर सर्राफा बाजार में हड़कंप मच गया है।
सोने-चांदी की कीमतों में गिरावट:
24 कैरेट सोने के 10 ग्राम की कीमत 2,613 रुपये टूटकर 88,401 रुपये पर आ गई, जबकि चांदी 4,535 रुपये टूटकर 88,375 रुपये प्रति किलोग्राम पर पहुंच गई। यह गिरावट उन निवेशकों के लिए चिंता का विषय बन गई है, जिन्होंने हाल के दिनों में ऊंची कीमत पर सोना-चांदी खरीदा था।
पिछले कुछ हफ्तों में रिकॉर्ड स्तर:
गौरतलब है कि मार्च और अप्रैल की शुरुआत में सोने और चांदी की कीमतों ने ऐतिहासिक ऊंचाइयां छुई थीं।
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28 मार्च को चांदी 1,00,934 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गई थी।
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3 अप्रैल को सोना 91,205 रुपये प्रति 10 ग्राम के उच्चतम स्तर पर देखा गया था।
प्रमुख शहरों में सोने की मौजूदा कीमतें:
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दिल्ली: 22 कैरेट – ₹83,000 | 24 कैरेट – ₹90,530
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मुंबई: 22 कैरेट – ₹82,850 | 24 कैरेट – ₹90,380
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कोलकाता: 22 कैरेट – ₹82,850 | 24 कैरेट – ₹90,380
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चेन्नई: 22 कैरेट – ₹82,850 | 24 कैरेट – ₹90,380
गिरावट का कारण क्या है?
विशेषज्ञों का मानना है कि सोना अब तक करीब 19% का रिटर्न दे चुका है। ऐसे में जब शेयर बाजार में अचानक गिरावट आई, तो कई निवेशकों ने मुनाफा बुक करना शुरू कर दिया। इसकी वजह से सोने में बिक्री का दबाव बढ़ गया, जिससे कीमतों में गिरावट आई है।
इसके अलावा वैश्विक आर्थिक हालात, डॉलर की मजबूती और अमेरिकी बॉन्ड यील्ड में बढ़ोतरी जैसी वजहों से भी निवेशक सोने से थोड़ा पीछे हटे हैं।
क्या आगे और गिरेगा सोना?
विश्लेषकों के अनुसार, भू-राजनीतिक तनाव, जैसे कि मध्य-पूर्व में तनाव या रूस-यूक्रेन संकट, और गोल्ड ETF में बढ़ता निवेश फिलहाल सोने को समर्थन दे रहा है। यदि ऐसे हालात बने रहते हैं, तो सोने की कीमतों में बहुत बड़ी गिरावट नहीं देखी जाएगी।
बल्कि कुछ विशेषज्ञ यह भी मानते हैं कि साल 2025 के अंत तक सोना 94,000 रुपये प्रति 10 ग्राम तक पहुंच सकता है।
निवेशकों को क्या करना चाहिए?
अगर आप लॉन्ग टर्म निवेशक हैं, तो यह गिरावट आपके लिए खरीदारी का एक अच्छा मौका हो सकता है। लेकिन अगर आपने ऊंचे दाम पर खरीदी की थी, तो फिलहाल धैर्य बनाए रखना ही समझदारी होगी।
सोने और चांदी में आई यह गिरावट फिलहाल निवेशकों को चौंका सकती है, लेकिन जानकारों का मानना है कि यह एक अस्थायी झटका है। आने वाले महीनों में स्थिति स्थिर हो सकती है, और सोने की कीमतों में फिर से मजबूती आ सकती है।