
सोना और चांदी की कीमतें लगातार नए रिकॉर्ड बना रही हैं। शुक्रवार को हफ्ते के आखिरी कारोबारी दिन, MCX पर सोने की कीमत ₹98,320 प्रति 10 ग्राम और चांदी की कीमत ₹1,05,565 प्रति किलोग्राम पर पहुँच गई। निवेशकों और कारोबारियों के लिए यह आंकड़े चौंकाने वाले ज़रूर हैं, लेकिन इसके पीछे कई अहम वजहें हैं।
क्यों बढ़ रही है चांदी की कीमत?
1. अमेरिकी अर्थव्यवस्था के कमजोर संकेत:
हाल ही में आए आर्थिक आंकड़ों में दिखा है कि अमेरिका में निजी नौकरियों की रफ्तार धीमी हुई है और सेवा क्षेत्र में भी गिरावट दर्ज की गई है। इससे दुनिया भर में निवेशक सुरक्षित विकल्पों की तलाश में हैं, जिसमें चांदी और सोना सबसे आगे हैं।
2. डॉलर में गिरावट:
डॉलर इंडेक्स इस समय पिछले छह हफ्तों के सबसे निचले स्तर पर है। जब डॉलर कमज़ोर होता है, तब अंतरराष्ट्रीय निवेशक चांदी और सोने की तरफ रुख करते हैं। इससे इनकी मांग और कीमत दोनों बढ़ जाती हैं।
3. भू-राजनीतिक तनाव:
रूस-यूक्रेन युद्ध और अमेरिका-चीन व्यापारिक टकराव जैसे घटनाक्रमों ने बाजार में अनिश्चितता पैदा कर दी है। ऐसे समय में निवेशक सोना-चांदी जैसे सुरक्षित साधनों में पैसा लगाते हैं, जिससे इनकी मांग में तेज़ी आती है।
4. इलेक्ट्रिक वाहनों और सौर ऊर्जा क्षेत्र से मांग:
चांदी का इस्तेमाल इलेक्ट्रिक वाहनों और सौर ऊर्जा उपकरणों में बड़ी मात्रा में होता है। इन क्षेत्रों की तेजी से बढ़ती मांग भी चांदी की कीमतों को ऊपर ले जा रही है। आने वाले समय में जैसे-जैसे हरित ऊर्जा की मांग बढ़ेगी, चांदी की मांग और भी तेज़ हो सकती है।
आगे क्या होगा?
विशेषज्ञों का मानना है कि अगर यह रुझान जारी रहा, तो चांदी की कीमत ₹1.30 लाख प्रति किलोग्राम तक पहुँच सकती है। हालांकि, यह रास्ता आसान नहीं होगा।
कुछ जोखिम भी बने हुए हैं:
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वैश्विक स्तर पर ब्याज दरों को लेकर असमंजस
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मुद्रास्फीति में उतार-चढ़ाव
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अमेरिका-चीन व्यापार संबंधों में अनिश्चितता
इन कारणों से बाजार में कभी भी गिरावट आ सकती है। फिर भी, मौजूदा माहौल में चांदी और सोना सुरक्षित निवेश के रूप में सबसे मजबूत विकल्प माने जा रहे हैं।
अगर आप निवेश के बारे में सोच रहे हैं, तो मौजूदा ट्रेंड को देखते हुए चांदी और सोना आपके लिए आकर्षक विकल्प हो सकते हैं। लेकिन बाजार के जोखिमों को समझना और विशेषज्ञों की सलाह लेना जरूरी है।