
वीरवार, 10 अप्रैल 2025 को भारत के मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) पर सोने की कीमतों ने एक नया रिकॉर्ड बना दिया। जून फ्यूचर्स के लिए सोना पहली बार ₹91,000 प्रति 10 ग्राम के पार चला गया और दिन के दौरान इसकी कीमत ₹91,464 तक पहुँच गई। यह अब तक की सबसे ऊँची कीमत है। सोने की इस उछाल ने निवेशकों और बाजार विश्लेषकों का ध्यान खींचा है।
सोने की अंतरराष्ट्रीय कीमतों में भी उछाल
सिर्फ भारत ही नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी सोना चमक रहा है।
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स्पॉट गोल्ड 1.1% बढ़कर $3,116.42 प्रति औंस पर पहुँच गया।
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वहीं अमेरिकी सोना वायदा (Gold Futures) 1.8% उछलकर $3,133.50 प्रति औंस पर कारोबार कर रहा है।
यह लगातार चौथा हफ्ता है जब सोने की कीमतों में मज़बूती देखी जा रही है।
सोने की कीमतों में तेजी के 5 बड़े कारण:
1️⃣ अमेरिका-चीन व्यापार युद्ध की अनिश्चितता
हाल ही में अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीन पर टैरिफ बढ़ाकर 125% कर दिया है। इससे वैश्विक बाजारों में घबराहट है और निवेशक सोने को एक सुरक्षित विकल्प मानकर इसमें निवेश कर रहे हैं।
2️⃣ फेडरल रिजर्व की संभावित ब्याज दर कटौती
अमेरिका में महंगाई बढ़ रही है और आर्थिक विकास की गति धीमी हो रही है। इन हालातों में अमेरिकी सेंट्रल बैंक फेडरल रिजर्व से ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद की जा रही है। जब ब्याज दरें घटती हैं, तो सोना ज्यादा आकर्षक निवेश बन जाता है।
3️⃣ कमज़ोर अमेरिकी डॉलर
डॉलर की वैल्यू में गिरावट और फेड द्वारा साल के अंत तक 84 बेसिस पॉइंट तक की कटौती की संभावनाओं ने सोने को और मजबूत किया है।
4️⃣ सोने में लगातार निवेश बढ़ा
पिछले एक साल से सोने की कीमतों में लगातार तेजी बनी हुई है। इस साल अब तक सोने में 18% से ज़्यादा की बढ़त दर्ज की गई है। निवेशक इसे भरोसेमंद संपत्ति मान रहे हैं।
5️⃣ लंबी अवधि का मज़बूत दृष्टिकोण
विशेषज्ञों का मानना है कि अगर वैश्विक स्तर पर राजनीतिक और आर्थिक अस्थिरता बनी रहती है, तो अगले 12 महीनों में सोने की कीमतें $3,600 से $4,000 प्रति औंस तक पहुँच सकती हैं।
निवेशकों के लिए क्या मतलब है?
सोने की बढ़ती कीमतें यह संकेत देती हैं कि दुनिया भर में आर्थिक और राजनीतिक अस्थिरता का माहौल है। ऐसे समय में सुरक्षित निवेश की तलाश करने वाले लोग सोने की ओर रुख कर रहे हैं। अगर यह ट्रेंड यूँ ही जारी रहा, तो आने वाले दिनों में सोना और महँगा हो सकता है।
जो निवेशक लॉन्ग टर्म के लिए निवेश सोच रहे हैं, उनके लिए यह समय फायदेमंद हो सकता है — लेकिन साथ ही, कीमतों में तेजी के बाद जोखिम भी बढ़ जाता है, इसलिए समझदारी से कदम उठाना ज़रूरी है।