
जिन वाहन मालिकों के पास अब भी कागज़ पर बनी हुई पुरानी रजिस्ट्रेशन कॉपी (RC) है और स्मार्ट कार्ड नहीं बन पाया, उनके लिए अच्छी खबर है। ट्रांसपोर्ट विभाग ने एक बार फिर से बैकलॉग एंट्री की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इस फैसले से लाखों लोगों को फायदा मिलेगा, जिन्हें पहले RC की ऑनलाइन सुविधा नहीं मिल पा रही थी।
क्या है बैकलॉग एंट्री?
बैकलॉग एंट्री का मतलब है कि जिन गाड़ियों का रिकॉर्ड अभी तक ट्रांसपोर्ट विभाग के नए सिस्टम में नहीं है, उनकी जानकारी अब दोबारा से ऑनलाइन डाली जाएगी। ऐसे लोग अब अपने कागज़ी दस्तावेज़ लेकर आरटीओ ऑफिस में जाकर दस्तावेज़ों की पुष्टि करवा सकते हैं। उसके बाद वाहन की RC को ऑनलाइन सिस्टम में अपलोड कर दिया जाएगा।
कैसे मिलेगा फायदा?
जब आपकी RC ऑनलाइन हो जाएगी, तो आप उसे डिजिलॉकर या mParivahan ऐप में रख सकते हैं। इससे ट्रैफिक चेकिंग के दौरान आपको कागज़ साथ लेकर चलने की ज़रूरत नहीं होगी और फालतू चालान से बचा जा सकेगा।
इसके अलावा, जब गाड़ी की RC ऑनलाइन हो जाएगी, तभी आप अपनी गाड़ी पर हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट (HSRP) भी लगवा सकेंगे। बता दें कि HSRP न होने पर 2000 रुपये तक का चालान कट सकता है। पुराने RC धारक अब यह प्लेट नहीं लगवा पाते थे।
क्या करें जिनके पास केवल कागज़ी RC है?
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सबसे पहले ट्रांसपोर्ट विभाग की वेबसाइट पर जाकर अपनी गाड़ी का रिकॉर्ड चेक करें।
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अगर जानकारी नहीं मिलती, तो वेबसाइट पर दिए फॉर्म में RC की डिटेल्स भरें।
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इसके बाद अपने नजदीकी आरटीओ ऑफिस जाकर दस्तावेज़ दिखाएं।
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वहां से पुष्टि के बाद RC को ऑनलाइन सिस्टम में दर्ज किया जाएगा।
कौन-कौन से दस्तावेज़ जरूरी होंगे?
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वाहन की कागज़ी RC कॉपी
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रजिस्टर की कॉपी जिसमें मालिक का नाम हो
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वाहन की फिजिकल जांच रिपोर्ट
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वही नंबर जो गाड़ी पर लगा हुआ है
स्मार्ट कार्ड चाहिए तो क्या करना होगा?
अगर आप पेपर RC की जगह स्मार्ट कार्ड RC लेना चाहते हैं, तो आपको 570 रुपये की फीस ऑनलाइन भरनी होगी। इसके बाद RTO ऑफिस आपको स्मार्ट कार्ड जारी कर देगा।
यह नई सुविधा ट्रांसपोर्ट विभाग की ओर से उन लोगों के लिए राहत लेकर आई है, जिनके वाहन अब भी पुराने सिस्टम में पंजीकृत हैं। अब वे भी डिजिटल इंडिया की इस सुविधा का फायदा उठा सकेंगे और चालान से बच सकेंगे। साथ ही हाइ सिक्योरिटी प्लेट लगवाकर नियमों के अनुसार अपने वाहन को अपडेट कर सकेंगे।