
बढ़िया पैदावार और ऊंचे दाम
इस बार पंजाब के किसानों के लिए गेहूं की फसल ने बड़ी खुशखबरी दी है। एक तरफ प्रति एकड़ 2 से 3 क्विंटल ज्यादा उत्पादन हो रहा है, वहीं दूसरी ओर बाजार में गेहूं की कीमत सरकार द्वारा तय न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से भी 5 से 10 रुपये प्रति क्विंटल ज्यादा मिल रही है। इससे किसानों के चेहरों पर खुशी साफ नजर आ रही है।
निजी व्यापारियों की बड़ी मांग
पंजाब के जिलों जैसे संगरूर, बठिंडा, मानसा, बरनाला, मोगा, फरीदकोट, फाजिल्का और मुक्तसर में निजी व्यापारी मंडियों में बढ़-चढ़कर गेहूं खरीद रहे हैं। मंडी बोर्ड के अधिकारियों ने बताया कि व्यापारी एमएसपी से ऊंची कीमत पर बोली लगा रहे हैं, जिसके चलते किसान अपनी फसल बेचने में काफी उत्साहित हैं।
किसानों के अनुसार इस बार गेहूं का दाना मोटा और अच्छी गुणवत्ता का है, जिससे प्रति एकड़ 60 से 65 मन (लगभग 24 से 26 क्विंटल) उत्पादन मिल रहा है। बेहतर दामों की उम्मीद में कई किसान तो अपनी फसल घरों में भी स्टोर कर रहे हैं।
अब तक कितनी खरीद हुई?
पंजाब मंडी बोर्ड के आंकड़ों के मुताबिक, संगरूर जिले में अब तक 1.93 लाख मीट्रिक टन, बठिंडा में 41,000 मीट्रिक टन और मानसा में 15,900 मीट्रिक टन गेहूं निजी व्यापारियों ने एमएसपी से ऊपर दाम पर खरीदी है। अन्य जिलों में भी यही रुझान देखने को मिल रहा है।
मंडियों में लिफ्टिंग की रफ्तार धीमी
हालांकि, मंडियों में फसल की आमद तेज हो गई है लेकिन सरकारी खरीद के बाद गेहूं की उठाई (लिफ्टिंग) बहुत धीमी गति से हो रही है। मंडियों में फसल के ढेर लग गए हैं और यदि समय पर लिफ्टिंग नहीं हुई तो अगले दिनों में खरीद प्रक्रिया में रुकावट आ सकती है।
अब तक पंजाब की मंडियों में 96.17 लाख मीट्रिक टन गेहूं की आवक हुई है, जिसमें से 91.18 लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीद हो चुकी है। लेकिन खरीदे गए गेहूं में से केवल 31.22 लाख मीट्रिक टन (करीब 30%) की ही उठाई हो पाई है।
सरकार ने दिए सख्त निर्देश
पिछले कुछ दिनों से सरकार फसल उठाने के काम में तेजी लाने की कोशिश कर रही है। पंजाब के कैबिनेट मंत्री लाल चंद कटारूचक ने हाल ही में विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक कर निर्देश दिए हैं कि किसानों को समय पर भुगतान किया जाए और मंडियों से जल्द से जल्द गेहूं की लिफ्टिंग करवाई जाए।
सरकार की कोशिश है कि किसानों को अपनी फसल बेचने में कोई परेशानी न हो और मंडियों में फसल का ढेर न लगे। उम्मीद है कि जल्द ही लिफ्टिंग का काम गति पकड़ेगा और किसान चैन की सांस लेंगे।