
पंजाब में भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली सरकार पंजाबी भाषा को बढ़ावा देने के लिए लगातार काम कर रही है। राज्य में पंजाबी भाषा, संस्कृति और साहित्य को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से कई महत्वपूर्ण कदम उठाए जा रहे हैं। यह बात पंजाब के वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने अपने कार्यालय में केंद्रीय लेखक सभा (सेखों) के प्रतिनिधियों के साथ बैठक के दौरान कही।
पंजाबी भाषा के प्रचार-प्रसार पर जोर
वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार राज्य की सभी साहित्यिक और सांस्कृतिक संस्थाओं के साथ मिलकर पंजाबी भाषा के प्रचार-प्रसार के लिए काम कर रही है। उन्होंने बताया कि इस समय पंजाब कला परिषद के नेतृत्व में ‘पंजाब नव सृजना’ नामक कार्यक्रमों की एक श्रृंखला आयोजित की जा रही है। इसके तहत राज्य के विभिन्न हिस्सों में साहित्य, कला और संस्कृति से जुड़े कई आयोजन किए जा रहे हैं, ताकि पंजाबी भाषा और विरासत को संजोया जा सके।
भाषा कानून को प्रभावी ढंग से लागू करने के निर्देश
बैठक के दौरान, लेखक सभा के प्रतिनिधियों ने सरकार के सामने अपनी मांगें रखीं। उनकी बातों को गंभीरता से सुनने के बाद वित्त मंत्री चीमा ने आश्वासन दिया कि पंजाबी भाषा को मजबूती से लागू करने के लिए पहले से ही कई कदम उठाए जा चुके हैं। इसके साथ ही उन्होंने मौके पर ही भाषा विभाग के निदेशक को निर्देश दिए कि पंजाबी भाषा कानून को प्रभावी ढंग से लागू किया जाए।
उन्होंने स्पष्ट किया कि यदि कोई विभाग या कर्मचारी इस कानून का उल्लंघन करता है, तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि सरकारी और गैर-सरकारी संस्थानों में पंजाबी भाषा में कार्य सुनिश्चित करने के लिए विशेष अभियान चलाया जाएगा। इसके अलावा, सभी सरकारी और सार्वजनिक स्थानों पर पंजाबी भाषा में बोर्ड लगाने की दिशा में भी ठोस कदम उठाए जा रहे हैं।
शिक्षकों और संगठनों के मुद्दों पर विचार
इस बैठक के बाद वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा और प्रवासी मामलों के मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल ने पुनः बहाल किए जाने वाले कच्चे शिक्षक यूनियन, संयुक्त आत्मा पंजाब एसोसिएशन और भूमि प्राप्ति संघर्ष कमेटी के प्रतिनिधियों के साथ भी चर्चा की।
कैबिनेट सब-कमेटी की इस बैठक में संगठनों के नेताओं को आश्वासन दिया गया कि सरकार उनकी मांगों को पूरी सहानुभूति और सकारात्मक दृष्टिकोण से देख रही है। सरकार जल्द ही उनकी जायज़ मांगों पर उचित कार्रवाई करेगी, ताकि उनकी समस्याओं का समाधान किया जा सके।
सरकार की प्रतिबद्धता और आगे की योजनाएं
वित्त मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में सरकार हर क्षेत्र में पंजाबी भाषा और संस्कृति को मजबूत करने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि सभी सरकारी विभागों, स्कूलों और संस्थानों में पंजाबी भाषा को प्राथमिकता मिले।
इस महत्वपूर्ण बैठक में विधायक जसवंत सिंह गज्जनमाजरा, अतिरिक्त मुख्य सचिव (विकास) अनुराग वर्मा, भाषा विभाग के निदेशक जसवंत सिंह ज़फर और विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधि मौजूद थे।
इस बैठक के माध्यम से सरकार ने एक बार फिर स्पष्ट कर दिया कि पंजाबी भाषा को बढ़ावा देने और राज्य के शिक्षकों एवं संगठनों की मांगों को पूरा करने के लिए वह पूरी तरह से प्रतिबद्ध है।