
भारत सरकार ने सोने और चांदी के आयात को लेकर कड़े नियम लागू कर दिए हैं। ये नियम खासतौर पर अधूरे रूप में आए सोने और चांदी, जैसे कि पाउडर, बार या धागों पर लागू होंगे, जिन्हें आमतौर पर उद्योगिक उद्देश्यों के लिए इस्तेमाल किया जाता है।
नया नियम किसके लिए?
अब सिर्फ सरकार द्वारा नामित एजेंसियां, चुने हुए आभूषण निर्माता, और टीआरक्यू (Tariff Rate Quota) परमिट धारक ही इनकी आयात कर सकेंगे। मतलब ये कि अब आम व्यापारी या यात्री दुबई से सीधे सोना नहीं ला सकेंगे, जैसा पहले होता था।
टैक्स में गड़बड़ी पर लगाम
कुछ व्यापारी दुबई से 99% शुद्धता वाले सोने को प्लैटिनम बताकर लाते थे और कम कस्टम ड्यूटी का फायदा उठाते थे। भारत और यूएई के बीच हुए समझौते में कुछ धातुओं पर टैक्स छूट दी गई थी, जिसका गलत इस्तेमाल हो रहा था। इस पर रोक लगाने के लिए सरकार ने अब 99% या उससे अधिक शुद्ध प्लैटिनम के लिए अलग HS Code (Harmonized System Code) लागू कर दिया है। HS Code वह कोड होता है जो यह तय करता है कि किस वस्तु पर कितना टैक्स लगेगा।
TRQ कोटा क्या है?
सरकार के नए नियमों के तहत, अब भारत यूएई से सालाना 200 मीट्रिक टन सोना सिर्फ 1% कम टैक्स पर ही मंगवा सकता है, लेकिन इसके लिए आयातक के पास TRQ परमिट होना जरूरी होगा। इससे टैक्स चोरी की संभावनाएं घटेंगी और आयात में पारदर्शिता बढ़ेगी।
बजट 2026 में की गई थी घोषणा
वित्त मंत्रालय ने इन बदलावों की घोषणा बजट 2026 के दौरान की थी। उसी समय यह भी बताया गया था कि अब सोने के धागे, चांदी के धागे, और 99% से ज्यादा शुद्ध प्लैटिनम के लिए अलग-अलग HS कोड बनाए जाएंगे, ताकि इनकी निगरानी आसान हो।
सरकार का उद्देश्य
वित्त मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि ये बदलाव इसलिए किए गए हैं ताकि:
-
गलत टैक्स लाभ को रोका जा सके।
-
आयात प्रक्रिया को ज्यादा संगठित और स्पष्ट बनाया जा सके।
-
सरकारी राजस्व को नुकसान से बचाया जा सके।
इस नए कदम से सोने और चांदी की तस्करी और टैक्स चोरी पर रोक लगेगी और आभूषण उद्योग को बेहतर ढंग से रेगुलेट किया जा सकेगा। सरकार अब इस दिशा में और सख्ती बरतने के मूड में है।