
पंजाब की भगवंत मान सरकार ने पराली जलाने की समस्या से निपटने के लिए बड़ा और ठोस कदम उठाया है। सरकार ने ₹500 करोड़ रुपये का मास्टर प्लान तैयार किया है, जिससे पराली के प्रबंधन के लिए किसानों को सहायता दी जाएगी और खेतों में आग लगाने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
किसानों को मशीनों पर भारी सब्सिडी
इस योजना के तहत सरकार किसानों को खेती से जुड़ी आधुनिक मशीनों पर भारी सब्सिडी दे रही है।
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व्यक्तिगत किसानों को 50% सब्सिडी दी जाएगी।
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वहीं किसान समूहों, सहकारी समितियों और एफपीओ को 80% तक की सब्सिडी दी जाएगी।
यह सब्सिडी पराली प्रबंधन की मशीनों जैसे सुपर सीडर, हैप्पी सीडर, स्ट्रॉ चॉपर, रोटावेटर, बेलर आदि पर लागू होगी, जिससे किसान बिना पराली जलाए खेत तैयार कर सकें।
आवेदन प्रक्रिया हुई आसान
सरकार ने सब्सिडी के लिए आवेदन की प्रक्रिया भी पूरी तरह ऑनलाइन कर दी है।
किसान 22 अप्रैल से 12 मई 2025 तक http://agrimachinerypb.com पर जाकर आवेदन कर सकते हैं। इससे समय की बचत होगी और प्रक्रिया पारदर्शी बनी रहेगी।
पराली जलाने के मामलों में गिरावट
मान सरकार की लगातार कोशिशों का असर अब दिखने लगा है।
साल 2023 से 2024 के बीच पराली जलाने के मामलों में स्पष्ट गिरावट दर्ज की गई है।
यह राज्य सरकार की पर्यावरण के प्रति जिम्मेदारी और किसानों की बढ़ती जागरूकता का परिणाम है।
अब तक 17,600 मशीनें बाँटी जा चुकी
सरकार द्वारा पहले से ही 17,600 से अधिक पराली प्रबंधन मशीनें किसानों और समूहों को वितरित की जा चुकी हैं। इन मशीनों के इस्तेमाल से कई जिलों में पराली जलाने की घटनाओं में बड़ी कमी देखी गई है।
सरकार का फोकस – स्वच्छ हवा, स्वस्थ पंजाब
मुख्यमंत्री भगवंत मान का कहना है कि पंजाब सरकार पर्यावरण और लोगों की सेहत को लेकर पूरी तरह गंभीर है। पराली जलाने से न केवल खेतों की उपजाऊ मिट्टी खराब होती है, बल्कि इससे हवा भी प्रदूषित होती है, जो सभी के लिए नुकसानदायक है।
किसानों के लिए बड़ा मौका
यह योजना किसानों को आधुनिक कृषि की तरफ ले जाने का एक शानदार मौका है। इससे न सिर्फ पराली की समस्या का हल होगा, बल्कि किसानों को उत्पादन में भी लाभ मिलेगा।
भगवंत मान सरकार की यह पहल पंजाब को एक स्वच्छ, हरित और टिकाऊ कृषि राज्य बनाने की दिशा में एक मजबूत कदम है।