
पंजाब विधानसभा में मनरेगा वर्कर्स से जुड़े मुद्दे पर एक अहम चर्चा हुई। विधायक दिनेश चड्ढा ने इस मामले को उठाते हुए कहा कि पंजाब में केवल 11 लाख 16 हजार मजदूर मनरेगा के तहत रजिस्टर्ड हैं। यह संख्या राज्य के कुल निर्माण श्रमिकों के एक-तिहाई हिस्से से भी कम है।
अशिक्षित श्रमिकों की बड़ी संख्या
विधायक चड्ढा ने चिंता जताई कि इन श्रमिकों में अशिक्षित वर्ग की संख्या बहुत ज्यादा है। उन्होंने सुझाव दिया कि गांवों में एक विशेष अभियान चलाया जाए, जिससे सभी मजदूरों का लेबर विभाग में पंजीकरण हो सके। इससे मजदूरों को सरकार की कल्याणकारी योजनाओं का लाभ मिल सकेगा।
मंत्री तरुणप्रीत सिंह सौंद का जवाब
इस मुद्दे पर मंत्री तरुणप्रीत सिंह सौंद ने जवाब देते हुए कहा कि अब तक 11,16,651 मनरेगा मजदूरों का पंजीकरण हो चुका है। इसके अलावा, 1,52,952 नए मजदूरों का भी रजिस्ट्रेशन किया गया है।
उन्होंने बताया कि सरकार मनरेगा मजदूरों को पंजाब भवन एवं अन्य निर्माण श्रमिक कल्याण बोर्ड में पंजीकृत करने की प्रक्रिया को तेज कर रही है। इसके लिए विभिन्न स्थानों पर विशेष शिविर लगाए जा रहे हैं, ताकि श्रमिकों को बोर्ड की योजनाओं की जानकारी मिल सके और वे उनका लाभ उठा सकें।
मोबाइल ऐप से घर बैठे पंजीकरण की सुविधा
मंत्री सौंद ने आगे बताया कि सरकार ने मजदूरों के लिए एक मोबाइल ऐप भी लॉन्च किया है। इस ऐप की मदद से मजदूर बिना किसी दफ्तर गए, अपने घर बैठे ही अपना पंजीकरण करवा सकते हैं। यह सुविधा उन मजदूरों के लिए बेहद फायदेमंद होगी, जो दूर-दराज के इलाकों में रहते हैं और सरकारी कार्यालयों तक पहुंचना उनके लिए मुश्किल होता है।
मजदूरों के कल्याण के लिए सरकार के प्रयास
पंजाब सरकार मनरेगा मजदूरों की संख्या बढ़ाने और उन्हें सरकारी योजनाओं का लाभ पहुंचाने के लिए सक्रिय रूप से काम कर रही है। समय-समय पर जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं और नए पंजीकरण की प्रक्रिया को आसान बनाया जा रहा है। सरकार का यह कदम उन हजारों मजदूरों के लिए फायदेमंद साबित होगा, जो अब तक सरकारी लाभ से वंचित थे।
पंजाब सरकार ने मनरेगा मजदूरों के पंजीकरण को बढ़ाने के लिए ठोस कदम उठाए हैं। विशेष शिविर, मोबाइल ऐप और जागरूकता अभियान जैसी योजनाएं मजदूरों को सरकारी लाभ देने में मददगार साबित होंगी। इससे ज्यादा से ज्यादा मजदूर योजनाओं से जुड़ सकेंगे और उनका जीवन स्तर सुधर सकेगा।