गौतम अडानी के नेतृत्व वाले अडानी ग्रुप पर अमेरिकी जांच के बाद उनकी कंपनियों के शेयरों में भारी गिरावट देखी गई। इसका प्रभाव न केवल अडानी ग्रुप तक सीमित रहा, बल्कि उनके बिजनेस पार्टनर राजीव जैन के नेतृत्व वाली फर्म GQG पार्टनर्स के शेयर भी प्रभावित हुए। गुरुवार को GQG के शेयर 19% तक टूट गए, जिसके बाद कंपनी ने बड़े फैसले लेते हुए शेयर बायबैक की घोषणा की। इस फैसले के बाद GQG के शेयरों में दोबारा तेजी देखने को मिली।
अडानी ग्रुप के शेयरों में गिरावट का असर
अमेरिकी न्याय विभाग और सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन (SEC) द्वारा अडानी ग्रुप की जांच की खबर से अडानी ग्रुप की कंपनियों के शेयरों में बड़ी गिरावट हुई। इसका असर उनके प्रमुख निवेशक GQG पार्टनर्स पर भी पड़ा। GQG के शेयर गुरुवार को 19% तक गिर गए।
राजीव जैन का बयान और इन्वेस्टमेंट की समीक्षा
GQG पार्टनर्स के प्रमुख राजीव जैन ने कहा कि उनकी कंपनी अडानी ग्रुप में किए गए निवेश की समीक्षा कर रही है। उन्होंने यह भी कहा कि उनकी टीम यह तय कर रही है कि मौजूदा परिस्थितियों में पोर्टफोलियो के लिए क्या बेहतर कदम उठाए जा सकते हैं।
शेयर बायबैक का ऐलान
अडानी ग्रुप की कंपनियों के शेयरों में गिरावट के बाद GQG पार्टनर्स ने ऑस्ट्रेलिया में सूचीबद्ध अपने शेयरों को बायबैक करने का निर्णय लिया। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार, कंपनी 100 मिलियन ऑस्ट्रेलियाई डॉलर (करीब 550 करोड़ रुपये) के शेयर बायबैक करेगी। इसका उद्देश्य बाजार में शेयरों की संख्या को कम करना और निवेशकों का विश्वास बहाल करना है। शेयर बायबैक की घोषणा के बाद GQG के शेयरों में 16% की तेजी दर्ज की गई।
शेयर बायबैक क्या है?
शेयर बायबैक का अर्थ है कि कंपनी अपने ही बकाया शेयरों को खरीदकर बाजार में उनकी संख्या घटाती है। इसे शेयर पुनर्खरीद भी कहा जाता है। इसका फायदा यह होता है कि कंपनी के प्रति निवेशकों का विश्वास मजबूत होता है और प्रति शेयर आय (EPS) में वृद्धि होती है।
अडानी ग्रुप में GQG की हिस्सेदारी
GQG पार्टनर्स, गौतम अडानी की छह प्रमुख कंपनियों में बड़ी हिस्सेदारी रखती है। जब हिंडनबर्ग रिपोर्ट ने अडानी ग्रुप पर सवाल खड़े किए थे, तब GQG पार्टनर्स ने अडानी के पक्ष में निवेश किया था।
- अंबुजा सीमेंट: 2.05% हिस्सेदारी
- अडानी एनर्जी: 1.89% हिस्सेदारी
- अडानी पावर: 1.76% हिस्सेदारी
- अडानी ग्रीन एनर्जी: 1.62% हिस्सेदारी
- अडानी एंटरप्राइजेज: 1.45% हिस्सेदारी
- अडानी पोर्ट्स: 1.46% हिस्सेदारी
अमेरिका में जांच के दायरे में अडानी
अमेरिका में अडानी ग्रुप पर रिश्वतखोरी के आरोपों की जांच हो रही है। इस जांच का असर अडानी की कंपनियों और उनके निवेशकों पर साफ दिख रहा है। GQG पार्टनर्स के अलावा अन्य विदेशी निवेशक भी सतर्क हो गए हैं।