1 नवंबर को जारी सरकारी आंकड़ों के अनुसार, वस्त्र एवं सेवा कर (जीएसटी) की कुल वसूली अक्टूबर में 1.87 लाख करोड़ रुपये के उच्चतम स्तर पर पहुँच गई है। यह लगातार आठवां महीना है जब जीएसटी संग्रह 1.7 लाख करोड़ रुपये से ऊपर रहा है। पिछले साल की तुलना में इस बार अक्टूबर 2024 का जीएसटी संग्रह 8.9% की वृद्धि के साथ 1.87 लाख करोड़ रुपये हो गया है। वित्त मंत्रालय ने शुक्रवार को इन आँकड़ों की घोषणा की, जो घरेलू और आयात कर संग्रह में वृद्धि दर्शाते हैं।
पिछले साल अक्टूबर में जीएसटी संग्रह 1.72 लाख करोड़ रुपये था, जबकि इस बार 8.1% की वृद्धि के साथ यह आँकड़ा बढ़कर 1.87 लाख करोड़ रुपये तक पहुँच गया। अक्टूबर में केंद्र सरकार का केंद्रीय जीएसटी संग्रह 33,821 करोड़ रुपये रहा, राज्य जीएसटी संग्रह 41,864 करोड़ रुपये, एकीकृत जीएसटी 99,111 करोड़ रुपये और उपकर संग्रह 12,550 करोड़ रुपये रहा। इन आंकड़ों से स्पष्ट है कि घरेलू लेन-देन में वृद्धि के कारण जीएसटी संग्रह में 10.6% का उछाल देखने को मिला है।
रिफंड में 18.2% की बढ़ोतरी
इस बार अक्टूबर 2024 में कुल 19,306 करोड़ रुपये का रिफंड जारी किया गया, जो पिछले साल के मुकाबले 18.2% ज्यादा है। रिफंड के समायोजन के बाद शुद्ध जीएसटी संग्रह में भी 8% की वृद्धि दर्ज हुई और यह आँकड़ा 1.68 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो गया। यह डेटा सरकारी खजाने की मज़बूती और आर्थिक सुधार के संकेत के रूप में देखा जा रहा है, जो वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच भारतीय अर्थव्यवस्था की मजबूती को दर्शाता है।
जीएसटी में संभावित बदलाव
आगामी दिनों में जीएसटी कर व्यवस्था में बड़े बदलाव देखने को मिल सकते हैं। हाल ही में जीएसटी परिषद की बैठक में दो मंत्रियों के समूहों ने सुझावों के साथ अपनी रिपोर्ट परिषद को सौंपी है। इसमें स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम पर जीएसटी को हटाने के प्रस्ताव पर चर्चा की गई है। बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी की अध्यक्षता में बनी समिति ने सुझाव दिया है कि वरिष्ठ नागरिकों के लिए टर्म लाइफ इंश्योरेंस और स्वास्थ्य बीमा के प्रीमियम को कर मुक्त किया जा सकता है।
इसके अलावा, जीएसटी दरों को तर्कसंगत बनाने की दिशा में भी कुछ सिफारिशें की गई हैं। 20 लीटर पानी के केन, साइकिल और प्रैक्टिस नोटबुक पर जीएसटी दर को घटाकर 5% करने का प्रस्ताव है। फिलहाल 20 लीटर या उससे अधिक मात्रा के पानी के केन पर 18% जीएसटी लगता है।
मंत्रियों के समूह ने प्रैक्टिस नोटबुक पर जीएसटी दर को 12% से घटाकर 5% करने, 10,000 रुपये से कम मूल्य वाली साइकिलों पर जीएसटी दर को 12% से घटाकर 5% करने और 15,000 रुपये से अधिक की कीमत वाले जूतों और 25,000 रुपये से अधिक मूल्य की घड़ियों पर जीएसटी दर को 18% से बढ़ाकर 28% करने का प्रस्ताव भी रखा है।
आगे की चुनौतियाँ और अवसर
जीएसटी संग्रह में इस वृद्धि से सरकार के खजाने को बड़ी राहत मिली है और यह देश की आर्थिक मज़बूती का प्रतीक है। हालाँकि, जीएसटी प्रणाली में सुधार और तर्कसंगत दरें निर्धारित करना एक चुनौती है। जीएसटी परिषद के सुझावों को लागू करने से न केवल व्यापारियों को राहत मिल सकती है, बल्कि आम जनता को भी वस्त्र और सेवाओं के खर्च में राहत मिलने की संभावना है।
यह स्थिति भारतीय अर्थव्यवस्था की स्थिरता और विकास की दिशा में एक सकारात्मक संकेत देती है।