
विश्व पर्यावरण दिवस की पूर्व संध्या पर राज्यसभा सांसद और पर्यावरण प्रेमी संत बलबीर सिंह सीचेवाल ने केंद्र सरकार से मांग की है कि सुल्तानपुर लोधी में देश की पहली ‘गुरु नानक देव पर्यावरण विश्वविद्यालय’ स्थापित की जाए। उन्होंने कहा कि यह सिर्फ शिक्षा का एक संस्थान नहीं होगा, बल्कि पर्यावरण को बचाने की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम होगा।
सीचेवाल जी ने चिंता जताते हुए कहा कि आज पंजाब गंभीर पर्यावरणीय संकट से गुजर रहा है। यहां भूजल का स्तर खतरनाक रूप से नीचे चला गया है और रासायनिक खादों की सबसे ज़्यादा खपत यहीं हो रही है। इसके कारण ज़मीन, हवा और पानी सब प्रदूषित हो गए हैं, और ये ज़हरीले तत्व अब हमारे भोजन तक पहुंच चुके हैं।
उन्होंने कहा कि इन समस्याओं का हल केवल वैज्ञानिक रिसर्च और नवाचार से ही निकाला जा सकता है, और इसके लिए एक मजबूत शोध संस्थान की ज़रूरत है। इसलिए सुल्तानपुर लोधी में एक पर्यावरण केंद्रित विश्वविद्यालय की स्थापना अत्यंत आवश्यक है।
संत सीचेवाल ने यह भी बताया कि सुल्तानपुर लोधी वह पवित्र स्थान है जहाँ गुरु नानक देव जी ने पर्यावरण को स्वच्छ रखने, जल, वायु और पृथ्वी का सम्मान करने का पहला संदेश दिया था। इसलिए, इसी पवित्र धरती से एक ऐसा संस्थान शुरू होना चाहिए जो पर्यावरण संरक्षण की दिशा में देश और दुनिया को नई राह दिखा सके।
उन्होंने आगे बताया कि सुल्तानपुर लोधी से होकर बहने वाली नदी – जो पहले प्रदूषित हो चुकी थी – आज फिर से स्वच्छ जल की धार बन गई है। यह देश की पहली ऐसी नदी है जो पुनः निर्मल हुई है और जिस पर अब तक कई पीएचडी शोध हो चुके हैं। उन्होंने उम्मीद जताई कि आने वाले समय में दुनिया भर से लोग इस इलाके में अध्ययन और पर्यावरण से जुड़ी रिसर्च के लिए आएंगे।
इसलिए, एक अंतरराष्ट्रीय स्तर की पर्यावरण विश्वविद्यालय का निर्माण इस क्षेत्र को शैक्षिक, सामाजिक और आर्थिक रूप से सशक्त बना सकता है। संत सीचेवाल का यह सुझाव न केवल पंजाब बल्कि पूरे देश के लिए प्रेरणादायक कदम हो सकता है।