हरियाणा सरकार उन मजदूरों के लिए राहत योजना लेकर आ रही है, जिनकी आजीविका ग्रैप-4 (ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान) के लागू होने के कारण प्रभावित हुई है। राज्य के कैबिनेट मंत्री अनिल विज ने घोषणा की है कि निर्माण कार्यों पर प्रतिबंध के कारण बेरोजगार हुए मजदूरों को साप्ताहिक निर्वाह भत्ता दिया जाएगा। सरकार का यह कदम उन मजदूरों के लिए आर्थिक सहारा बनेगा, जिनकी कमाई अचानक बंद हो गई है।
एनसीआर के मजदूरों को होगा लाभ
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में हरियाणा के अंतर्गत आने वाले जिलों में करीब दो लाख पंजीकृत मजदूर हैं। सरकार ने इन मजदूरों को राहत देने के लिए श्रम विभाग को निर्देश दिए हैं कि योजना को जल्द से जल्द लागू किया जाए। कैबिनेट मंत्री अनिल विज के अनुसार, इस योजना पर सरकार को करीब 65 करोड़ रुपये का खर्च आएगा।
सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद हरियाणा का कदम
पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने एनसीआर में आने वाले सभी राज्यों को आदेश दिया था कि वे निर्माण कार्यों पर प्रतिबंध के कारण प्रभावित मजदूरों की आर्थिक सहायता सुनिश्चित करें। इस पर हरियाणा सरकार ने तुरंत कदम उठाते हुए मजदूरों को राहत प्रदान करने की तैयारी कर ली है।
ग्रैप-4 के तहत सुप्रीम कोर्ट ने एनसीआर क्षेत्र में प्रदूषण नियंत्रण के लिए सभी निर्माण गतिविधियों पर प्रतिबंध लगा दिया था। इस फैसले का सीधा असर उन मजदूरों पर पड़ा है, जिनकी आजीविका निर्माण कार्यों पर निर्भर थी।
मजदूरों को मिलेगा साप्ताहिक भत्ता
कैबिनेट मंत्री अनिल विज ने स्पष्ट किया कि मजदूरों को उनके रोजमर्रा के खर्चों के लिए साप्ताहिक निर्वाह भत्ता प्रदान किया जाएगा। यह भत्ता सीधे मजदूरों के बैंक खातों में जमा किया जाएगा, ताकि किसी तरह की परेशानी न हो।
विज ने कहा, “सरकार मजदूरों के साथ खड़ी है। निर्माण कार्यों पर प्रतिबंध के कारण उनकी रोजी-रोटी छिन गई है। ऐसे में सरकार का कर्तव्य है कि उनकी सहायता की जाए। मजदूरों को भत्ता देकर हम उनकी दैनिक जरूरतों को पूरा करने में मदद करेंगे।”
श्रम विभाग को निर्देश
कैबिनेट मंत्री ने श्रम विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि योजना के क्रियान्वयन में किसी तरह की देरी न हो। उन्होंने यह भी सुनिश्चित करने को कहा है कि यह सहायता जरूरतमंद मजदूरों तक पहुंचे और इसमें पारदर्शिता बनी रहे।
प्रभावित मजदूरों के लिए बड़ी राहत
यह योजना हरियाणा के उन मजदूरों के लिए बड़ी राहत लेकर आई है, जो प्रदूषण नियंत्रण के लिए निर्माण कार्यों पर लगाए गए प्रतिबंध के कारण रोजगार खो चुके हैं। मजदूरों का पंजीकरण श्रम विभाग द्वारा पहले ही किया जा चुका है, जिससे सहायता देने में आसानी होगी।
सरकार की संवेदनशील पहल
हरियाणा सरकार का यह निर्णय प्रदूषण नियंत्रण और प्रभावित मजदूरों के पुनर्वास के बीच संतुलन बनाने की कोशिश है। यह कदम यह सुनिश्चित करता है कि पर्यावरण की रक्षा के लिए उठाए गए सख्त कदमों का असर मजदूरों के जीवन पर कम से कम पड़े।
यह योजना प्रदूषण नियंत्रण और सामाजिक कल्याण के बीच सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाती है। मजदूरों को राहत देने की यह पहल सामाजिक सुरक्षा की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकती है।