
पंजाब और हरियाणा के बीच पानी का विवाद एक बार फिर गर्मा गया है। दोनों राज्यों के बीच लंबे समय से जल बंटवारे को लेकर तनाव रहा है, लेकिन अब यह मुद्दा और गंभीर होता जा रहा है। आम आदमी पार्टी की ओर से भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड (BBMB) के खिलाफ बीते दो हफ्तों से धरना दिया जा रहा था, जिसे अब खत्म कर दिया गया है।
नंगल डैम पर भव्य प्रदर्शन
बुधवार को पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान, शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस और अन्य कई नेता नंगल डैम पहुंचे। वहां भगवंत मान ने एक बड़ा ऐलान करते हुए कहा कि हरियाणा को उसके हिस्से के मुताबिक पानी दिया जाएगा, लेकिन जो अतिरिक्त पानी पहले मिलता था, वह अब नहीं मिलेगा।
मुख्यमंत्री ने बताया कि हरियाणा का हक 15.6 लाख क्यूसेक पानी बनता है, जबकि वह पहले ही 16.48 लाख क्यूसेक पानी ले चुका है। यानी वह अपने कोटे से ज़्यादा पानी इस्तेमाल कर चुका है। ऐसे में अब आगे सिर्फ उतना ही पानी मिलेगा, जितना उसका हक बनता है। भगवंत मान ने यह भी कहा कि हरियाणा को 21 मई तक हर रोज दोपहर 1 बजे से 100 क्यूसेक पानी दिया जाएगा, लेकिन कोई अतिरिक्त आपूर्ति नहीं होगी।
BBMB पर तीखा हमला
मुख्यमंत्री ने भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड (BBMB) को “पंजाब के लिए सफेद हाथी” बताया और कहा कि यह संस्था अब राज्य के हित में काम नहीं कर रही। उन्होंने बताया कि BBMB में पंजाब के हिस्से की करीब 3,000 नौकरियां खाली हैं, जिन्हें जल्द ही भरा जाएगा।
मान का कहना था कि BBMB में पंजाब को बराबर की भागीदारी मिलनी चाहिए, क्योंकि डैम पंजाब की जमीन पर बना है और इससे होने वाले नुकसान और प्रभाव भी सबसे ज्यादा पंजाब को झेलने पड़ते हैं।
मोदी से होगी बात
भगवंत मान ने बताया कि 24 मई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ नीति आयोग की बैठक होनी है, जिसमें वह जल बंटवारे और BBMB के पुनर्गठन का मुद्दा उठाएंगे। उनका कहना था कि पंजाब देश को अन्न देता है, लेकिन अब पानी के लिए भी न्याय चाहिए।
पिछली सरकारों पर निशाना
मुख्यमंत्री मान ने पुरानी सरकारों पर भी जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि पहले की सरकारों ने पंजाब के हितों को नजरअंदाज़ किया। उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा, “सोने की टोटियां लगाने वालों को पानी की कीमत क्या पता?”। उनका इशारा उन अमीर नेताओं की ओर था जो राज्य की जमीनी हकीकत को नहीं समझते।
पंजाब का हक पंजाब को
भगवंत मान ने दो टूक कहा कि अब पंजाब अपना पानी खुद इस्तेमाल करेगा और अपने हक से किसी को वंचित नहीं करेगा, लेकिन अपने ऊपर ज़्यादा बोझ भी नहीं लेगा।
यह बयान ऐसे समय आया है जब दोनों राज्यों के बीच पानी को लेकर फिर से विवाद बढ़ रहा है। आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि प्रधानमंत्री से मुलाकात में क्या हल निकलता है और क्या BBMB के ढांचे में कोई बड़ा बदलाव होता है।
पंजाब सरकार का साफ संदेश है कि वह न तो हरियाणा का हक छीनेगी, न ही उससे ज़्यादा देगी। और अब पंजाब अपने अधिकारों के लिए चुप नहीं बैठेगा।