चंडीगढ़। हरियाणा को आने वाले पांच वर्षों में विश्व बैंक से उतनी वित्तीय सहायता मिलेगी, जितनी पिछले 50 वर्षों में मिली थी। यह घोषणा विश्व बैंक के भारत में निदेशक ऑगस्टे तानो कौमे ने की। उन्होंने शुक्रवार को हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी और सरकारी प्रतिनिधियों के साथ एक बैठक के दौरान इस बात की जानकारी दी। बैठक में शिक्षा, वायु गुणवत्ता प्रबंधन और परिवहन जैसे क्षेत्रों में संभावित सहयोग पर विस्तृत चर्चा की गई।
50 वर्षों का वित्तपोषण अगले पांच वर्षों में
कौमे ने बताया कि हरियाणा और विश्व बैंक का जुड़ाव 1971 से रहा है। उन्होंने कहा, “हमने पिछले 50 वर्षों में हरियाणा को 1 अरब डॉलर की वित्तीय सहायता दी है। अब हम अगले पांच वर्षों में उतना ही वित्तपोषण प्रदान करेंगे।” उन्होंने इस वित्तपोषण के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि यह राशि हरियाणा को भारत के 2047 तक विकसित राष्ट्र बनने के लक्ष्य में अहम भूमिका निभाने में मदद करेगी।
पहले से किए गए सहयोग का जिक्र
ऑगस्टे तानो कौमे ने बताया कि विश्व बैंक ने हरियाणा में बिजली, ऊर्जा और पानी जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में लंबे समय से सहयोग किया है। उन्होंने यह भी कहा कि राज्य को न केवल सीधे ऋण के माध्यम से, बल्कि अखिल भारतीय परियोजनाओं के माध्यम से भी लाभ मिला है, जिनका वित्तपोषण विश्व बैंक ने किया है।
वैश्विक कृत्रिम मेधा केंद्र की स्थापना
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने बैठक के बाद एक बयान में कहा कि हरियाणा जल्द ही विश्व बैंक की सहायता से एक वैश्विक कृत्रिम मेधा (एआई) केंद्र बनेगा। यह परियोजना राज्य को तकनीकी और डिजिटल रूप से मजबूत बनाएगी, जिससे हरियाणा वैश्विक स्तर पर एक प्रमुख प्रौद्योगिकी केंद्र के रूप में उभरेगा।
शिक्षा, पर्यावरण और परिवहन में सुधार
विश्व बैंक के निदेशक ने हरियाणा में शिक्षा, वायु गुणवत्ता प्रबंधन और परिवहन जैसे क्षेत्रों में सुधार की दिशा में सहयोग बढ़ाने का आश्वासन दिया। इन क्षेत्रों में नई योजनाओं और परियोजनाओं पर काम किया जाएगा, जिससे राज्य के नागरिकों को सीधा लाभ मिलेगा।
पंजाब के मुख्यमंत्री से भी मुलाकात
विश्व बैंक की टीम ने हरियाणा के साथ-साथ पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान के साथ भी एक अलग बैठक की। इस बैठक में भी राज्य के विकास के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की गई।
हरियाणा के लिए बड़ी उम्मीदें
कौमे ने कहा, “हरियाणा में हमारा जुड़ाव लंबे समय से रहा है। हम इस राज्य के विकास के लिए प्रतिबद्ध हैं और यहां की परियोजनाओं को सफल बनाने के लिए हर संभव सहायता देंगे। यह सहयोग भारत को 2047 तक एक विकसित राष्ट्र बनाने के हमारे साझा लक्ष्य का हिस्सा है।”
हरियाणा की विकास यात्रा में नया अध्याय
हरियाणा को अगले पांच वर्षों में मिलने वाली यह वित्तीय सहायता राज्य के विकास के लिए एक नई दिशा तय करेगी। शिक्षा, पर्यावरण, और परिवहन जैसे क्षेत्रों में निवेश से राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी। साथ ही, कृत्रिम मेधा केंद्र जैसे कदम हरियाणा को तकनीकी और नवाचार के क्षेत्र में अग्रणी बनाएंगे।
यह घोषणा हरियाणा के लिए एक बड़ा अवसर है, जो राज्य को विकास के अगले चरण में ले जाने में सहायक होगी। विश्व बैंक की यह पहल हरियाणा को एक मजबूत और आत्मनिर्भर राज्य बनाने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगी।