नए साल में भारतीय बैंकिंग सेक्टर में हलचल बढ़ गई है। देश के सबसे बड़े निजी बैंक एचडीएफसी बैंक को कोटक महिंद्रा बैंक, एयू स्मॉल फाइनेंस बैंक और कैपिटल स्मॉल फाइनेंस बैंक में 9.5% तक हिस्सेदारी खरीदने की अनुमति मिल गई है। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने एचडीएफसी बैंक को इस अधिग्रहण के लिए हरी झंडी दी है।
कौन करेगा यह अधिग्रहण?
एचडीएफसी बैंक की विभिन्न सहायक इकाइयां—एचडीएफसी म्यूचुअल फंड, एचडीएफसी लाइफ इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड, एचडीएफसी पेंशन मैनेजमेंट कंपनी लिमिटेड, एचडीएफसी ERGO जनरल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड, और एचडीएफसी सिक्योरिटीज—यह हिस्सेदारी अधिग्रहण करेंगी।
एयू स्मॉल फाइनेंस बैंक को मिली मंजूरी
एयू स्मॉल फाइनेंस बैंक ने स्टॉक एक्सचेंज फाइलिंग में बताया कि आरबीआई से मिले पत्र के अनुसार, एचडीएफसी बैंक और उसकी सहायक इकाइयों को बैंक में 9.5% हिस्सेदारी खरीदने की स्वीकृति दी गई है। इसी तरह, एचडीएफसी बैंक को कोटक महिंद्रा बैंक और कैपिटल स्मॉल फाइनेंस बैंक में भी समान हिस्सेदारी खरीदने की मंजूरी दी गई है।
एक साल तक वैध होगी मंजूरी
आरबीआई द्वारा दी गई यह मंजूरी एक साल तक वैध रहेगी। इस अवधि के भीतर एचडीएफसी बैंक को यह सुनिश्चित करना होगा कि उसकी हिस्सेदारी संबंधित बैंकों की कुल चुकता शेयर पूंजी या वोटिंग अधिकारों के 9.5% से अधिक न हो।
आरबीआई के दिशानिर्देश
आरबीआई के 2023 के दिशानिर्देशों के अनुसार, एग्रीगेट होल्डिंग में बैंक के शेयर, उसकी सहायक इकाइयों, म्यूचुअल फंड्स, ट्रस्टियों और प्रमोटर ग्रुप की एंटिटीज को शामिल किया जाता है। एचडीएफसी बैंक की इन बैंकों में निवेश की योजना नहीं है, लेकिन ग्रुप की एग्रीगेट होल्डिंग 5% की सीमा से अधिक हो सकती है। इसी कारण एचडीएफसी बैंक ने निवेश सीमा बढ़ाने के लिए आरबीआई से अनुमति मांगी थी।
बैंकिंग सेक्टर पर प्रभाव
यह अधिग्रहण न केवल एचडीएफसी बैंक की बाजार हिस्सेदारी को मजबूत करेगा, बल्कि भारतीय बैंकिंग सेक्टर में प्रतिस्पर्धा को भी बढ़ावा देगा। साथ ही, इस कदम से प्राइवेट और स्मॉल फाइनेंस बैंकों के बीच सहयोग को बढ़ाने की संभावना है।
एचडीएफसी बैंक का यह कदम वित्तीय क्षेत्र में उसकी अग्रणी स्थिति को और सुदृढ़ करने की दिशा में महत्वपूर्ण है।