Gurdaspur जिले में डेंगू और चिकनगुनिया के मामलों को लेकर स्वास्थ्य विभाग द्वारा डोर-टू-डोर सर्वे जारी है। इस सर्वे के दौरान लार्वा और बीमारियों से बचाव के तरीकों की जानकारी प्रदान की जा रही है। टीमें घरों में रखे पानी के बर्तनों, कूलरों, फ्रिज, गमलों, छतों पर रखे पुराने सामान और टंकी के पानी की जांच कर रही हैं। यदि किसी स्थान पर लार्वा पाया जाता है, तो वहां दवाई का छिड़काव कर नष्ट किया जा रहा है।
डेंगू के नए मामले
पिछले छह दिनों में डेंगू के छह नए मामले सामने आने से कुल मामलों की संख्या 47 तक पहुंच गई है। हालांकि, चिकनगुनिया के मामले सीमित हैं, जिसमें सेहत विभाग ने नियंत्रण पाया है, और जिले में केवल दो ही मामले रिपोर्ट किए गए हैं। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, अब तक 1,53,292 घरों की ब्रीडिंग जांच की गई है, जिनमें से 2,898 घरों में डेंगू का लार्वा पाया गया है।
पिछले साल की तुलना में बेहतर स्थिति
स्वास्थ्य विभाग ने बताया कि इस बार डेंगू के मामलों की संख्या पिछले वर्ष की तुलना में काफी कम है। साल 2023 में जिले में कुल 457 डेंगू के मामले सामने आए थे, जबकि इस बार स्थिति में सुधार देखा जा रहा है। विभाग का मानना है कि जैसे-जैसे मौसम ठंडा होगा, डेंगू का प्रकोप भी कम होगा।
निरंतर जांच और दवाओं का छिड़काव
जिला एपिडेमियोलॉजिस्ट डॉ. गुरप्रीत कौर ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग की 200 कर्मचारियों की टीमें लगातार घरों और सार्वजनिक स्थानों पर मच्छरों की ब्रीडिंग की जांच कर रही हैं। इसके अलावा, प्रभावित इलाकों में दवा का छिड़काव किया जा रहा है। सरकारी अस्पतालों में डेंगू का टेस्ट पूरी तरह से निःशुल्क है, जिससे लोगों को आसानी से जांच करवाने की सुविधा मिल रही है।
डेंगू के लक्षण और बचाव के उपाय
डेंगू एडीज मच्छर के काटने से फैलता है, जो सामान्यतः दिन के समय में काटता है। यह मच्छर टंकियों, घड़ों, होदियों, पुराने टायरों और खाली बोतलों में जमा गंदे पानी में पनपता है। डेंगू के लक्षणों में तेज बुखार, आंखों के पिछले भाग में दर्द, सिरदर्द, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द, त्वचा पर दाने, उल्टी और जी मचलाना शामिल हैं।
स्वास्थ्य विभाग ने नागरिकों को सलाह दी है कि वे अपने घरों के आसपास पानी जमा न होने दें और बर्तनों में पानी न रखें। घड़ों, होदियों और कूलरों में जमा पानी को नियमित रूप से बदलते रहें। अगर पानी जमा हो जाए और निकासी संभव न हो, तो वहां मिट्टी का तेल डालें ताकि मच्छर अंडे न दे सकें। रात के समय सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करें।
डेंगू और चिकनगुनिया की रोकथाम के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा उठाए गए कदम निश्चित रूप से महत्वपूर्ण हैं। सर्वेक्षण, जागरूकता, और दवाईयों के छिड़काव के साथ, यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि बीमारियों का प्रकोप कम से कम हो। सभी नागरिकों को भी अपनी जिम्मेदारी निभाते हुए इन उपायों का पालन करना चाहिए, ताकि स्वास्थ्य विभाग के प्रयासों को सफल बनाया जा सके और जिले को इन बीमारियों से मुक्त रखा जा सके।