
पंजाब के स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. बलबीर सिंह ने बताया है कि मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान द्वारा चलाए जा रहे नशा विरोधी अभियान के अच्छे नतीजे सामने आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस मुहिम के कारण अब लोग खुद आगे आकर नशा छोड़ रहे हैं, जिससे यह अभियान नशा तस्करों के लिए मुसीबत बन चुका है।
डॉ. बलबीर सिंह ने बताया कि पंजाब में नशा छोड़ने वाले लोगों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। इसी को देखते हुए राज्य सरकार ने नशा मुक्ति केंद्रों में मौजूदा 4000 बिस्तरों की संख्या को बढ़ाकर 8000 करने की योजना बनाई है, और इस दिशा में तेजी से काम चल रहा है।
इस संबंध में उन्होंने आज पंजाब के सभी डिप्टी कमिश्नरों, जिला पुलिस प्रमुखों और सिविल सर्जनों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बैठक की और नशा मुक्ति के लिए किए जा रहे प्रयासों का जायजा लिया।
स्वास्थ्य मंत्री ने अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए कि मुख्यमंत्री द्वारा दिए गए आदेशों के अनुसार नशा मुक्ति केंद्रों के ढांचे को और मजबूत बनाने में कोई भी लापरवाही न बरती जाए। उन्होंने बताया कि स्कूली बच्चों को नशे से बचाने के लिए शिक्षा अभियान भी चलाया जा रहा है। साथ ही, एनर्जी ड्रिंक्स पर भी रोक लगाई गई है। अब गांवों में स्कूल से 50 मीटर और शहरों में 100 मीटर के दायरे में एनर्जी ड्रिंक्स बेचना मना होगा।
डॉ. बलबीर सिंह ने जिलेवार प्रगति की समीक्षा करते हुए बताया कि जहां कहीं नशा छोड़ने वालों को दवा या किसी अन्य सुविधा की ज़रूरत है, सरकार वह उपलब्ध कराएगी। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि सभी नशा मुक्ति केंद्रों में खेल की सुविधाएं, योगशाला, और कौशल विकास केंद्र भी बनाए जाएं। इसके साथ ही, जिन मामलों में अदालत द्वारा विशेष निर्देश दिए गए हैं, वहां सुरक्षित नशा मुक्ति केंद्रों की व्यवस्था भी की जाएगी।
डॉ. बलबीर सिंह ने यह भी आदेश दिए कि हर जिले में नशा छोड़ने के इच्छुक लोगों के लिए “नारकोटिक्स अनोनिमस ग्रुप” बनाए जाएं, जिससे उन्हें मानसिक और सामाजिक सहयोग मिल सके। इसके अलावा, गांवों में पहले से बनी नशा मुक्ति कमेटियों और विलेज डिफेंस कमेटियों को भी और मजबूत करने की बात कही।
सरकार ने नशा छोड़ने वाले लोगों को रोजगार से जोड़ने के लिए भी खास प्रयास शुरू किए हैं। ऐसे लोगों को उनके हुनर के अनुसार प्रशिक्षित कर रोजगार दिलवाया जाएगा। राज्य के हर गांव में खेल मैदान, पुस्तकालय, जिम और स्किल डेवलपमेंट सेंटर खोले जा रहे हैं।
इस वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव डॉ. बसंत गर्ग, स्वास्थ्य विभाग की डायरेक्टर डॉ. हितेंद्र कौर और सभी जिलों के डिप्टी कमिश्नर, एसएसपी और सिविल सर्जन भी मौजूद थे।
यह नशा विरोधी मुहिम सिर्फ एक सरकारी योजना नहीं, बल्कि एक सामाजिक आंदोलन बन चुका है जो पंजाब को नशा मुक्त और स्वस्थ भविष्य की ओर ले जा रहा है।