भारतीय बाजार में सोने और चांदी की कीमतों में हाल ही में भारी गिरावट दर्ज की गई है। विदेशी निवेशकों की बिकवाली और वैश्विक बाजार के प्रभाव ने इन कीमती धातुओं के दामों पर गहरा असर डाला है। मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) और सर्राफा बाजार में सोने के दाम में करीब 6,000 रुपये प्रति 10 ग्राम और चांदी के दाम में 12,000 रुपये प्रति किलो की गिरावट देखी गई है।
अमेरिकी चुनाव और डॉलर की मजबूती बनी बड़ी वजह
सोने और चांदी की कीमतों में आई इस गिरावट के पीछे अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव का बड़ा असर है। डोनाल्ड ट्रंप की चुनावी जीत के बाद अमेरिकी डॉलर एक साल के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया है। इसके अलावा, 10 साल की ट्रेजरी यील्ड में भी तेज बढ़ोतरी हुई है।
सोने का मूल्य अक्सर डॉलर और बॉन्ड यील्ड के साथ उलटा संबंध रखता है। डॉलर के मजबूत होने और बॉन्ड यील्ड में वृद्धि के कारण सोने की कीमतों में गिरावट आई है। स्पॉट गोल्ड में 200 डॉलर प्रति औंस से ज्यादा की गिरावट दर्ज की गई है। 5 नवंबर को 2,750.01 डॉलर प्रति औंस के उच्चतम स्तर से फिसलकर यह 2,536.9 डॉलर प्रति औंस तक गिर गया है।
MCX पर गिरावट का हाल
मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) पर गोल्ड फ्यूचर की कीमतें आमतौर पर वैश्विक बाजार दरों के अनुरूप चलती हैं। पिछले 10 दिनों में सोने की कीमत में तेज गिरावट देखी गई है। 5 नवंबर को 79,181 रुपये प्रति 10 ग्राम के उच्च स्तर से गिरकर यह 14 नवंबर को 73,946 रुपये प्रति 10 ग्राम के निचले स्तर पर पहुंच गया। शुक्रवार को सार्वजनिक अवकाश के कारण एमसीएक्स बंद रहा, लेकिन पिछले सप्ताह की भारी गिरावट ने निवेशकों को चिंतित कर दिया है।
चांदी की कीमतों में गिरावट
चांदी की कीमतों में भी गिरावट का सिलसिला जारी है। सर्राफा बाजार में चांदी की दर 12,000 रुपये प्रति किलो तक नीचे आ गई है। अमेरिकी डॉलर की मजबूती और वैश्विक बाजार में निवेशकों के रुख ने इस कीमती धातु के दामों को भी प्रभावित किया है।
आगे क्या होगा सोने की कीमतों का रुख?
विशेषज्ञों का कहना है कि आने वाले दिनों में सोने और चांदी की कीमतों का मुख्य निर्धारण अमेरिकी फेडरल रिजर्व की ब्याज दर नीति पर निर्भर करेगा।
फेडरल रिजर्व का रुख:
यदि अमेरिकी फेडरल रिजर्व ब्याज दर में कटौती की प्रक्रिया तेज करता है, तो सोने की कीमतों में उछाल की संभावना है। ब्याज दर में कमी सोने की मांग को बढ़ावा देती है क्योंकि इससे निवेशकों को बेहतर रिटर्न मिलने की उम्मीद होती है।
महंगाई दर का असर:
यदि अमेरिकी केंद्रीय बैंक महंगाई दर में बढ़ोतरी को देखते हुए ब्याज दर में कटौती नहीं करता है, तो सोने की कीमतों में उतार-चढ़ाव बना रह सकता है।
वैश्विक आर्थिक परिस्थितियां:
वैश्विक बाजार में निवेशकों के रुझान, डॉलर की मजबूती, और जियोपॉलिटिकल तनाव जैसे कारक भी सोने और चांदी की कीमतों को प्रभावित कर सकते हैं।
निवेशकों के लिए सुझाव
विशेषज्ञों का मानना है कि मौजूदा समय में सोने और चांदी की कीमतों में गिरावट को निवेश के अच्छे मौके के रूप में देखा जा सकता है। हालांकि, निवेश करने से पहले बाजार की मौजूदा परिस्थितियों और वैश्विक घटनाओं पर नजर रखना जरूरी है।
पिछले रुझान और संभावनाएं
सोने की कीमतें अपने उच्चतम स्तर से गिरकर 73,946 रुपये प्रति 10 ग्राम तक पहुंच चुकी हैं, लेकिन यह गिरावट अल्पकालिक हो सकती है। अमेरिकी फेडरल रिजर्व की अगली नीति बैठक और डॉलर के रुख से सोने की कीमतों में स्थिरता या उछाल देखने को मिल सकता है।
चांदी की कीमतें भी गिरावट के बावजूद लंबी अवधि में आकर्षक निवेश विकल्प मानी जा रही हैं। इलेक्ट्रॉनिक्स और सोलर इंडस्ट्री में चांदी की बढ़ती मांग इसके दामों को सहारा दे सकती है।
सोने और चांदी की कीमतों में हालिया गिरावट ने निवेशकों के लिए चिंता का माहौल बनाया है। अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव, डॉलर की मजबूती, और फेडरल रिजर्व की नीतियों ने इन धातुओं की कीमतों को प्रभावित किया है।
आने वाले समय में सोने और चांदी की कीमतों में स्थिरता की उम्मीद है, लेकिन इसके लिए निवेशकों को अमेरिकी नीतियों और वैश्विक घटनाओं पर नजर बनाए रखनी होगी। विशेषज्ञों का सुझाव है कि दीर्घकालिक निवेश के लिए यह समय सोने और चांदी में निवेश करने का सुनहरा अवसर हो सकता है।