20 दिसंबर, शुक्रवार को भारतीय शेयर बाजारों में भारी गिरावट दर्ज की गई, जिससे सप्ताह का समापन नकारात्मक रूप से हुआ। इस दिन के कारोबार के दौरान सीनियर इंडेक्स, सेंसेक्स और निफ्टी ने लगातार पांचवे दिन गिरावट का सामना किया और दोनों ही महीने के निचले स्तरों पर बंद हुए। बाजार में बैंकिंग सेक्टर की कमजोरी रही, जबकि मिडकैप इंडेक्स में कुछ खरीदारी देखी गई।
सेंसेक्स और निफ्टी की गिरावट
सेंसेक्स 1176.46 अंक यानी 1.49% गिरकर 78,041.59 पर बंद हुआ। सेंसेक्स के 3 स्टॉक्स में तेजी देखी गई, जबकि 27 स्टॉक्स में गिरावट आई। वहीं, निफ्टी भी 328.50 अंक यानी 1.37% गिरकर 23,623.20 के स्तर पर बंद हुआ। निफ्टी के 5 स्टॉक्स में तेजी रही, जबकि 45 स्टॉक्स में गिरावट देखी गई।
शुरुआत में सेंसेक्स और निफ्टी मामूली गिरावट के साथ कारोबार कर रहे थे। पिछले बंद के मुकाबले सेंसेक्स 117 अंक बढ़कर 79,335 पर खुला। निफ्टी 9 अंक गिरकर 23,960 पर और बैंक निफ्टी 174 अंक गिरकर 51,401 पर खुला था।
टॉप लूज़र और गेनर
शुक्रवार के कारोबार में निजी बैंकों, पीएसयू बैंकों, मेटल, एफएमसीजी और वित्तीय शेयरों में गिरावट देखने को मिली। एक्सिस बैंक, आईटीसी, पावर ग्रिड, एलटी, और जेएसडब्ल्यू स्टील में गिरावट दर्ज की गई। वहीं, निफ्टी पर टीसीएस, विप्रो, इन्फोसिस, अपोलो हॉस्पिटल और एचसीएल टेक में तेजी रही और ये सबसे ज्यादा लाभ में रहे।
ग्लोबल बाजारों का हाल
ग्लोबल बाजारों में भी गिरावट देखने को मिली। एफआईआई (विदेशी संस्थागत निवेशक) ने शुक्रवार को तेज गिरावट के दौरान भारी बिकवाली की। कैश, सूचकांकों और स्टॉक फ्यूचर्स के माध्यम से कुल 8,700 करोड़ रुपये की बिकवाली की गई। आज सुबह, गिफ्ट निफ्टी भी 93 अंक गिरकर 23,925 के आसपास कारोबार कर रहा था।
अमेरिका में जीडीपी डेटा से बेहतर आंकड़ों के बाद, बाजारों ने अपनी शुरुआती ताकत खो दी और दिन के निचले स्तर तक गिर गए। लगातार 10 दिनों तक गिरावट के बाद, डाउ जोंस 450 अंक गिरने के बाद दिन के उच्चतम स्तर से सिर्फ 15 अंक ऊपर बंद हुआ, जबकि नास्डैक 250 अंक गिरकर 20 अंक और नीचे चला गया।
बाजार का रुझान और निवेशकों के लिए संदेश
शेयर बाजारों में इस गिरावट के पीछे कई कारण हो सकते हैं, जिनमें वैश्विक बाजारों में अस्थिरता, एफआईआई की बिकवाली और घरेलू स्तर पर बैंकों और वित्तीय सेक्टर में कमजोरी प्रमुख हैं। निवेशकों को सलाह दी जा रही है कि वे सावधानी बरतें और मार्केट के उतार-चढ़ाव को ध्यान में रखते हुए अपने निवेश निर्णय लें। विशेषज्ञों का कहना है कि बाजार में यह गिरावट अस्थायी हो सकती है, लेकिन सतर्क रहकर ही निवेश किया जाना चाहिए।