
पंजाब सरकार ने समाज के पिछड़े और कमजोर वर्गों की बेटियों की शादी में मदद के लिए चलाई जा रही ‘आशीर्वाद स्कीम’ के तहत वित्तीय वर्ष 2024-25 में 301.20 करोड़ रुपये की सहायता दी है। यह जानकारी राज्य की सामाजिक न्याय, अधिकारिता और अल्पसंख्यक मामलों की मंत्री डॉ. बलजीत कौर ने दी।
उन्होंने बताया कि इस राशि में से 198.51 करोड़ रुपये अनुसूचित जाति (SC) वर्ग के 38,922 लाभार्थियों को और 102.69 करोड़ रुपये पिछड़ी जाति (BC) वर्ग के 20,136 लाभार्थियों को दिए गए हैं। इस योजना के अंतर्गत पात्र परिवारों की बेटियों की शादी के लिए 51,000 रुपये की आर्थिक सहायता दी जाती है। यह मदद एक परिवार को अधिकतम दो बेटियों के विवाह के लिए मिल सकती है।
इस योजना की खास बात यह है कि सहायता राशि सीधे लाभार्थियों के बैंक खातों में डीबीटी (Direct Benefit Transfer) के जरिए भेजी जाती है। इससे पारदर्शिता बनी रहती है और लाभ बिना किसी देरी के मिल जाता है।
डॉ. बलजीत कौर ने बताया कि इस योजना का लाभ लेने के लिए आवेदक का पंजाब का स्थायी निवासी होना जरूरी है। साथ ही उसकी वार्षिक पारिवारिक आय 32,790 रुपये से कम होनी चाहिए। लाभार्थी का अनुसूचित जाति, पिछड़ी जाति या आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग से संबंधित होना भी जरूरी है।
उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार की यह योजना सिर्फ आर्थिक मदद तक सीमित नहीं है, बल्कि इसका मकसद समाज में बराबरी और सम्मान के साथ बेटियों को उनका हक दिलाना भी है। यह योजना मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व में ‘रंगला पंजाब’ के सपने को साकार करने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
सरकार का मानना है कि यदि बेटियों की पढ़ाई और शादी में आर्थिक बोझ को कम किया जाए, तो समाज में सकारात्मक बदलाव आ सकता है। इस योजना से न केवल आर्थिक सहायता मिलती है, बल्कि यह लोगों को सरकारी योजनाओं पर भरोसा करने के लिए भी प्रेरित करती है।
‘आशीर्वाद स्कीम’ जैसे प्रयास यह दिखाते हैं कि सरकार समाज के हर वर्ग की भलाई के लिए गंभीर है और गरीबों के हितों की रक्षा के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है।