
प्रसिद्ध श्री हेमकुंट साहिब की यात्रा इस साल भी श्रद्धा और भक्ति का बड़ा उदाहरण बन रही है। यात्रा की शुरुआत हुए अभी केवल 8 दिन हुए हैं, लेकिन बुधवार तक 30,000 से ज्यादा श्रद्धालु हेमकुंट साहिब पहुंच चुके हैं।
सिख धर्म का पवित्र तीर्थ
हेमकुंट साहिब सिख धर्म के सात सबसे पवित्र तीर्थ स्थलों में से एक है। यह स्थान हिमालय की गोद में करीब 15,000 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। इतनी ऊंचाई पर जाना किसी साधारण बात नहीं होती, खासकर जब मौसम सर्द हो और बर्फबारी भी हो रही हो। फिर भी श्रद्धालुओं का उत्साह देखने लायक है।
पिछले 4 दिनों से रुक-रुक कर बर्फबारी हो रही है, लेकिन इससे न तो श्रद्धालुओं की संख्या में कोई कमी आई और न ही उनके उत्साह में। लोग कठिन रास्तों, ठंडी हवाओं और बर्फीले मौसम के बावजूद पूरी श्रद्धा के साथ इस पवित्र स्थल की यात्रा कर रहे हैं।
ठंडे पानी में डुबकी लगाकर दिखा रहे आस्था
हेमकुंट साहिब में स्थित पवित्र सरोवर का पानी बर्फ जैसा ठंडा होता है। इसके बावजूद श्रद्धालु सरोवर में आस्था की डुबकी लगा रहे हैं। इस सरोवर में स्नान करना तीर्थयात्रियों के लिए एक बहुत ही खास और आध्यात्मिक अनुभव होता है। डुबकी लगाने वाले श्रद्धालु बताते हैं कि यह अनुभव न सिर्फ शरीर को शुद्ध करता है, बल्कि आत्मा को भी शांत करता है।
ऐसे हालात में भी जब तापमान बेहद कम होता है, लोगों का इस ठंडे पानी में डुबकी लगाना उनकी अडिग आस्था और भक्ति का प्रतीक है।
यात्रा व्यवस्था की हो रही सराहना
श्री हेमकुंट साहिब यात्रा की व्यवस्था हेमकुंट साहिब मैनेजमेंट ट्रस्ट के तहत होती है। ट्रस्ट के अध्यक्ष नरेंद्र जीत सिंह बिंद्रा ने जानकारी दी कि यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं में जिस प्रकार का जोश और आस्था देखने को मिल रही है, वह बेमिसाल है।
उन्होंने उत्तराखंड सरकार और स्थानीय प्रशासन की भी तारीफ की। खासतौर पर उन्होंने राज्य के मुख्य सचिव आनंद वर्धन से मुलाकात कर यात्रा की प्रगति और सुरक्षा को लेकर चर्चा की।
हर साल हेमकुंट साहिब यात्रा लाखों श्रद्धालुओं को आध्यात्मिक ऊर्जा से भर देती है। बर्फीली चोटियों, ठंडी हवाओं और कठिन रास्तों के बावजूद जो आस्था यहां दिखती है, वो कहीं और नहीं मिलती। यह यात्रा न केवल सिख धर्म के श्रद्धालुओं के लिए, बल्कि हर उस व्यक्ति के लिए प्रेरणा है जो ईमानदारी और समर्पण से अपनी भक्ति को जीता है।