दिल्ली विधानसभा चुनाव की सबसे चर्चित और हाई प्रोफाइल नई दिल्ली सीट पर कुल 29 उम्मीदवारों ने नामांकन दाखिल किया है। दिल्ली की सभी 70 विधानसभा सीटों के लिए कुल 981 उम्मीदवारों ने नामांकन भरे हैं, जबकि नामांकन पत्रों की संख्या 1523 है क्योंकि एक उम्मीदवार एक से अधिक पर्चे दाखिल कर सकता है।
नई दिल्ली सीट बनी चर्चा का केंद्र
नई दिल्ली सीट तब से ज्यादा खास बन गई, जब मौजूदा विधायक और पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ कांग्रेस और बीजेपी ने हाई प्रोफाइल उम्मीदवार उतार दिए। कांग्रेस ने पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के बेटे और पूर्व सांसद संदीप दीक्षित को मैदान में उतारा है, वहीं बीजेपी ने पूर्व मुख्यमंत्री साहब सिंह वर्मा के बेटे और पश्चिमी दिल्ली के सांसद रहे प्रवेश वर्मा को उम्मीदवार बनाया है। इसके अलावा, कई निर्दलीय उम्मीदवारों ने भी अपनी पहचान बनाने के लिए इस सीट से नामांकन दाखिल किया है।
ग्रामीण और अनाधिकृत कॉलोनियों पर ज्यादा नामांकन
नामांकन के मामले में नई दिल्ली सीट अव्वल रही, लेकिन ग्रामीण और अनाधिकृत कॉलोनियों वाली सीटों पर भी भारी संख्या में पर्चे दाखिल किए गए हैं। मटियाला में 25 और बुराड़ी में 22 उम्मीदवारों ने नामांकन किया है। बुराड़ी सीट बीजेपी ने अपने सहयोगी नीतीश कुमार की पार्टी जदयू के लिए छोड़ी है। इसके अलावा मुंडका, रोहतास नगर और लक्ष्मी नगर में भी 20 से ज्यादा उम्मीदवारों ने पर्चे भरे हैं।
कम नामांकन वाली सीटें
जहां कुछ सीटों पर नामांकनों की बाढ़ है, वहीं कुछ सीटें ऐसी भी हैं जहां नामांकन कम हुए हैं। सबसे कम नामांकन नई दिल्ली लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली कस्तूरबा नगर सीट पर हुआ, जहां केवल 6 उम्मीदवार मैदान में हैं। पटेल नगर, करोल बाग, मंगोलपुरी और गांधीनगर सीटों पर 10 से कम नामांकन हुए हैं। इनमें पटेल नगर, करोल बाग और मंगोलपुरी आरक्षित सीटें हैं। ग्रेटर कैलाश सीट पर भी केवल 10 नामांकन हुए हैं।
चुनावी प्रक्रिया और अंतिम सूची
निर्वाचन आयोग के अनुसार, आज नामांकन पत्रों की जांच की अंतिम तारीख है। उम्मीदवार 20 जनवरी तक अपने नाम वापस ले सकते हैं, और इसी दिन अंतिम सूची जारी की जाएगी। दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान होगा और परिणाम 8 फरवरी को घोषित किए जाएंगे।
त्रिकोणीय मुकाबला
इस बार दिल्ली में मुख्य मुकाबला आम आदमी पार्टी (आप), भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और कांग्रेस के बीच त्रिकोणीय रहेगा। आम आदमी पार्टी अपनी सरकार के कामकाज जैसे मुफ्त बिजली, पानी, और शिक्षा सुधार के दम पर मैदान में है। वहीं, बीजेपी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व और राष्ट्रीय मुद्दों को प्रमुखता दे रही है। कांग्रेस भी नए चेहरों और योजनाओं के साथ वापसी की कोशिश में है।
नई दिल्ली सीट इस चुनाव में सबसे बड़ी चर्चा का केंद्र बन चुकी है। हाई प्रोफाइल उम्मीदवारों और निर्दलीयों की भारी संख्या ने इस मुकाबले को और रोमांचक बना दिया है। अब देखना यह होगा कि 5 फरवरी को जनता किसके पक्ष में मतदान करती है और 8 फरवरी को दिल्ली में किसकी सरकार बनती है।