महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में महायुति गठबंधन की शानदार परफॉर्मेंस ने महाविकास अघाड़ी को बुरी तरह से झटका दिया है। 288 सदस्यीय विधानसभा में महायुति 220 से अधिक सीटों पर आगे चल रही है। इस प्रचंड बहुमत के साथ ही राज्य की राजनीति में सत्ता के नए समीकरण बनने की संभावनाएं प्रबल हो गई हैं। इस स्थिति में सबसे बड़ा सवाल यह है कि महाराष्ट्र का अगला मुख्यमंत्री कौन बनेगा।
महायुति की शानदार जीत
महायुति, जिसमें भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी), शिंदे गुट, और एनसीपी के अजित पवार गुट शामिल हैं, ने चुनाव में नारों और वादों के साथ दमदार प्रदर्शन किया। गठबंधन की यह जीत विपक्षी महाविकास अघाड़ी (एमवीए) के सियासी समीकरणों को तहस-नहस कर चुकी है। यह जीत न केवल बीजेपी की रणनीति की सफलता को दर्शाती है, बल्कि यह भी स्पष्ट करती है कि राज्य में मतदाता महाविकास अघाड़ी से नाराज थे।
मुख्यमंत्री पद पर मंथन
चुनावी परिणामों के बाद महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री कौन होगा, इसे लेकर चर्चाएं तेज हो गई हैं। मौजूदा मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, जिन्होंने शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) से बगावत कर नई पार्टी बनाई और महायुति का हिस्सा बने, क्या फिर से सत्ता संभालेंगे? या बीजेपी अपनी पार्टी के नेता को कमान सौंपेगी?
राजनीतिक विश्लेषकों की मानें तो बीजेपी इस बार एकनाथ शिंदे को राज्य की कमान देने के पक्ष में नहीं दिख रही है। इस निर्णय के पीछे कई तर्क दिए जा रहे हैं।
- बीजेपी की बहुमत की स्थिति
महायुति की जीत के बाद, बीजेपी राज्य में अकेले ही सरकार बनाने की स्थिति में है। ऐसे में एकनाथ शिंदे की भूमिका सीमित हो सकती है। बीजेपी, जो केंद्र में और अन्य राज्यों में अपने नेतृत्व को मजबूत कर रही है, महाराष्ट्र में भी सत्ता अपने हाथ में रखना चाहेगी। - देवेन्द्र फडणवीस के नाम की चर्चा
देवेन्द्र फडणवीस, जो महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और मौजूदा उपमुख्यमंत्री हैं, सीएम पद की दौड़ में सबसे आगे माने जा रहे हैं। उनके प्रशासनिक अनुभव और जनाधार को देखते हुए, बीजेपी उन्हें मुख्यमंत्री बनाने की योजना पर काम कर सकती है।
संभावनाएं और विकल्प
वरिष्ठ पत्रकार अभिलाष अवस्थी के अनुसार, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद को लेकर दो मुख्य संभावनाएं बन सकती हैं:
- बीजेपी देवेन्द्र फडणवीस को मुख्यमंत्री बना सकती है और एकनाथ शिंदे को उपमुख्यमंत्री या अन्य प्रमुख मंत्री पद दे सकती है।
- बीजेपी फडणवीस को भी सीएम न बनाकर किसी नए चेहरे को मौका दे सकती है।
हालांकि, फडणवीस की मजबूत छवि और प्रशासनिक क्षमता को देखते हुए, यह संभावना कम है कि बीजेपी उन्हें नजरअंदाज करेगी।
अमित शाह की रणनीति
एकनाथ शिंदे को मुख्यमंत्री पद पर लाने के पीछे केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की बड़ी भूमिका थी। शाह ने यह सुनिश्चित किया कि शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) को कमजोर किया जाए और बीजेपी महाराष्ट्र की राजनीति में प्रमुख भूमिका निभाए। लेकिन अब, जब बीजेपी को प्रचंड बहुमत मिल रहा है, शाह शिंदे को दोबारा मुख्यमंत्री बनाने के पक्ष में शायद न हों।
शाह का ट्रैक रिकॉर्ड बताता है कि वे बीजेपी के भीतर दूसरी पंक्ति के नेतृत्व को खत्म करने में यकीन रखते हैं। मध्य प्रदेश में शिवराज सिंह चौहान और राजस्थान में वसुंधरा राजे को हाशिए पर रखना इसका उदाहरण है। ऐसे में महाराष्ट्र में शिंदे को मुख्यमंत्री बनाना उनकी प्राथमिकता नहीं हो सकती।
शिंदे की स्थिति
जब एकनाथ शिंदे ने उद्धव ठाकरे के नेतृत्व से बगावत की थी, तो उनका लक्ष्य उद्धव की सरकार गिराना था। मुख्यमंत्री पद की महत्वाकांक्षा उनकी प्राथमिकता नहीं थी। लेकिन अब, शिंदे ने अमित शाह के साथ लगातार संपर्क बनाए रखा है, उम्मीद है कि उन्हें फिर से मुख्यमंत्री बनाया जाए।
कौन होगा महाराष्ट्र का अगला मुख्यमंत्री?
चुनावी नतीजों के बाद महाराष्ट्र की सियासी तस्वीर साफ होते ही यह तय होगा कि मुख्यमंत्री की कुर्सी किसे मिलेगी। देवेंद्र फडणवीस का नाम इस दौड़ में सबसे प्रबल है, लेकिन बीजेपी अगर चौंकाने वाला फैसला लेती है, तो किसी नए चेहरे को सामने लाने से भी इनकार नहीं किया जा सकता।
महाराष्ट्र की राजनीति में महायुति की यह जीत बीजेपी की रणनीति और गठबंधन की ताकत का प्रमाण है। अब देखना यह होगा कि बीजेपी किसे महाराष्ट्र का नेतृत्व सौंपती है और शिंदे की भूमिका इस नए समीकरण में क्या होगी।