चीन में फैला HMPV: अस्पतालों में भीड़, सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो, लेकिन सरकार ने किया खारिज
चीन में एक बार फिर कोरोना वायरस जैसी स्थिति देखने को मिल रही है। इस बार ह्यूमन मेटापन्यूमोवायरस (HMPV) तेज़ी से फैल रहा है, जिसके चलते अस्पताल मरीजों से भर गए हैं। हालात ऐसे हैं कि सोशल मीडिया पर दावा किया जा रहा है कि श्मशानघाटों पर अंतिम संस्कार के लिए लंबी कतारें लग रही हैं। हालांकि, चीन सरकार इन दावों को सिरे से खारिज कर रही है।
चीन का कहना है कि देश में ऐसी कोई गंभीर स्थिति नहीं है जैसी सोशल मीडिया पर बताई जा रही है। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता माओ निंग ने इन रिपोर्टों को खारिज करते हुए कहा कि चीन पूरी तरह सुरक्षित है, और यह विदेशी पर्यटकों के लिए यात्रा के लिए उपयुक्त है। चीन का यह बयान पांच साल पहले कोरोना वायरस के शुरुआती दिनों के बयानों जैसा है, जब उसने हालात की गंभीरता को मानने से इनकार कर दिया था।
क्या है HMPV और स्थिति कितनी गंभीर है?
HMPV एक सांस से जुड़ी बीमारी है, जो विशेष रूप से बुजुर्गों और बच्चों को प्रभावित करती है। रिपोर्टों के मुताबिक, 40 से 80 साल की उम्र के लोग इस वायरस से सबसे अधिक प्रभावित हो रहे हैं।
चीनी मीडिया रिपोर्ट्स और सोशल मीडिया पोस्ट्स के अनुसार, HMPV के मामलों में तेज़ी से बढ़ोतरी हो रही है। कुछ रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि अस्पताल और श्मशानघाट भारी भीड़ से जूझ रहे हैं। ऑनलाइन साझा किए गए वीडियो में मरीजों से भरे अस्पताल और कतारों में खड़े लोग देखे जा सकते हैं।
रिपोर्ट्स के अनुसार, HMPV के साथ-साथ इन्फ्लुएंजा ए, माईकोप्लाज्मा निमोनिया, और COVID-19 जैसे वायरस भी तेजी से फैल रहे हैं। इससे चीन के अस्पतालों, विशेष रूप से बच्चों के अस्पतालों, पर दबाव बढ़ गया है।
सरकार का इनकार और सफाई
चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता माओ निंग ने कहा, “सर्दियों के मौसम में उत्तर गोलार्ध में सांस से जुड़ी बीमारियों के मामलों में वृद्धि सामान्य बात है।” उन्होंने यह भी कहा कि चीन के राष्ट्रीय रोग नियंत्रण और रोकथाम प्रशासन ने सर्दियों में ऐसी बीमारियों की रोकथाम के लिए दिशा-निर्देश जारी किए हैं।
चीन ने फ्लू और सांस से जुड़ी बीमारियों के प्रकोप को मामूली बताया है और कहा है कि यह हर साल सर्दियों में होने वाली सामान्य घटनाओं का हिस्सा है। स्वास्थ्य अधिकारियों के मुताबिक, इस बार मामलों की गंभीरता पिछले साल की तुलना में कम है।
चिंताजनक आंकड़े
हालांकि, चीनी राज्य प्रसारक सीसीटीवी की रिपोर्ट में बताया गया है कि चीनी CDC के आंकड़ों के अनुसार, दिसंबर के अंत में 14 साल और उससे कम उम्र के बच्चों में HMPV के मामलों की संख्या तेजी से बढ़ी है। SARS-CoV-2 की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि HMPV के मामलों में वृद्धि के कारण अचानक मौतों में भी वृद्धि हुई है, खासकर बुजुर्गों में।
SARS-CoV-2 की ‘X’ पोस्ट में कहा गया है, “चीन को इन्फ्लुएंजा ए, HMPV, माईकोप्लाज्मा निमोनिया और COVID-19 जैसे वायरसों के बढ़ते मामलों का सामना करना पड़ रहा है। बच्चों के अस्पताल निमोनिया और फेफड़ों से जुड़ी बीमारियों के कारण तनाव में हैं।”
सोशल मीडिया और अंतरराष्ट्रीय चिंता
सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो और पोस्ट चीन में बढ़ते प्रकोप को लेकर अंतरराष्ट्रीय चिंता बढ़ा रहे हैं। वीडियो में दिख रहे दृश्य—मरीजों से भरे अस्पताल, एम्बुलेंस की कतारें, और अंतिम संस्कार के लिए श्मशानघाटों पर भीड़—स्थिति की गंभीरता की ओर इशारा करते हैं।
हालांकि, चीन सरकार इन वीडियो और पोस्ट को फेक करार देते हुए इसे अफवाह बता रही है। चीन ने दावा किया है कि देश में स्वास्थ्य व्यवस्थाएं सामान्य हैं और अंतरराष्ट्रीय यात्रा के लिए चीन पूरी तरह सुरक्षित है।
चिंता का कारण
HMPV और अन्य वायरसों के बढ़ते मामलों से चीन में स्वास्थ्य संकट की संभावना बढ़ रही है। पिछले कुछ महीनों से पड़ रही कड़ाके की ठंड ने भी बीमारियों के प्रसार को तेज़ किया है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि चीन को इस स्थिति को गंभीरता से लेना चाहिए और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इसके बारे में पारदर्शिता रखनी चाहिए।
चीन में HMPV और अन्य सांस से जुड़ी बीमारियों का प्रसार चिंता का विषय है। हालांकि, सरकार इसे सामान्य घटना बताकर खारिज कर रही है, लेकिन सोशल मीडिया और अन्य रिपोर्ट्स से स्थिति अलग नजर आ रही है। चीन को पारदर्शिता और स्वास्थ्य सेवाओं की मजबूती पर ध्यान देना चाहिए ताकि ऐसी बीमारियों को नियंत्रित किया जा सके।