
पंजाब सरकार ने एक बड़ा कदम उठाते हुए जालंधर सेंट्रल सीट से ‘आप’ विधायक रमन अरोड़ा के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों के चलते विजिलेंस छापा मारा है। यह कार्रवाई शनिवार को की गई और इसे लेकर पूरे राज्य की राजनीति में हलचल मच गई है। आम आदमी पार्टी की तरफ से भी सोशल मीडिया पर एक पोस्ट साझा की गई है, जिसमें साफ कहा गया है कि “भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस, चाहे कोई भी हो, बख्शा नहीं जाएगा।”
यह पहली बार है कि आम आदमी पार्टी की सरकार ने अपने ही विधायक पर इतनी सख्त कार्रवाई की है, जिससे यह संदेश देने की कोशिश की गई है कि मान सरकार के राज में कोई भी भ्रष्टाचार नहीं कर सकता, चाहे वह पार्टी का सदस्य ही क्यों न हो।
क्यों हुई छापेमारी?
जानकारी के अनुसार, विधायक रमन अरोड़ा पर आरोप है कि उन्होंने जालंधर नगर निगम के अधिकारियों के जरिए झूठे नोटिस आम जनता को भिजवाए, और फिर पैसों के बदले उन नोटिसों को रद्द करवाया। इस तरह, वह आम नागरिकों को परेशान करके उनसे पैसे वसूलते थे।
इन आरोपों से जुड़ी कई शिकायतें पंजाब सरकार तक पहुंचीं, जिसके बाद विजिलेंस विभाग ने इस पूरे मामले की गहन जांच शुरू की। पहले नगर निगम के एक अधिकारी ए.टी.पी. सुखदेव वशिष्ठ को गिरफ्तार किया गया, जो विधायक रमन अरोड़ा के करीबी माने जाते हैं। पूछताछ में उनके जरिए कई दस्तावेज और सबूत सामने आए, जिससे रमन अरोड़ा की संलिप्तता के संकेत मिले।
विजिलेंस का एक्शन
लगभग एक महीने की जांच के बाद विजिलेंस विभाग ने अब रमन अरोड़ा के घर और अन्य ठिकानों पर छापेमारी की है। उनके घर के बाहर पुलिस की भारी तैनाती की गई और पूरे परिसर को सील कर दिया गया है। इस मामले में एफआईआर दर्ज कर ली गई है और जांच जारी है।
पार्टी और सरकार का रुख
इस कार्रवाई को लेकर आम आदमी पार्टी ने अपनी साफ स्थिति रखी है। ‘आप पंजाब’ की ओर से कहा गया है,
“भ्रष्टाचार चाहे अपने में हो या पराए में, उसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। माफ नहीं किया जाएगा।”
यह बयान यह दिखाता है कि पार्टी और सरकार दोनों ही भ्रष्टाचार के मामलों में सख्त रुख अपना रही हैं, भले ही आरोपी उनका खुद का विधायक ही क्यों न हो।
सुरक्षा भी ली गई थी वापस
कुछ दिन पहले ही पंजाब सरकार ने रमन अरोड़ा को मिली सरकारी सुरक्षा भी वापस ले ली थी। उस समय रमन अरोड़ा ने बयान दिया था कि वे एक आम वर्कर हैं और सरकार अगर ऐसा फैसला लेती है तो उन्हें कोई आपत्ति नहीं है। लेकिन अब उनकी मुश्किलें और बढ़ गई हैं, क्योंकि विजिलेंस ने उन पर सीधा एक्शन ले लिया है।
इस पूरे मामले ने पंजाब की राजनीति में हलचल पैदा कर दी है। यह घटना साफ संकेत देती है कि मान सरकार भ्रष्टाचार पर सख्त है और पार्टी के अंदर भी कानून से ऊपर कोई नहीं है। आने वाले दिनों में इस मामले की जांच और भी आगे बढ़ेगी और अगर आरोप साबित होते हैं, तो कानूनी कार्रवाई भी तय मानी जा रही है।
रमन अरोड़ा का मामला अब यह साबित कर रहा है कि ईमानदारी की कसौटी पर सभी को खरा उतरना होगा, चाहे वह सरकार का हिस्सा हो या विपक्ष का।