
आज के समय में इंटरनेट हमारी बेसिक जरूरत बन चुका है। लेकिन अब भी दुनिया और भारत के कई गांवों में इंटरनेट की सुविधा नहीं पहुंच पाई है। ऐसे इलाकों में सैटेलाइट इंटरनेट एक बेहतरीन समाधान हो सकता है। इस क्षेत्र में एलन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स का स्टारलिंक प्रोजेक्ट तेजी से आगे बढ़ रहा है।
कैसे काम करता है स्टारलिंक इंटरनेट?
स्टारलिंक इंटरनेट Low Earth Orbit (LEO) सैटेलाइट के जरिए काम करता है। इसमें कोई केबल या मोबाइल टॉवर की जरूरत नहीं होती। सैटेलाइट से सीधे इंटरनेट मिलने के कारण इसकी स्पीड भी काफी तेज होती है।
इस सेवा को शुरू करने के लिए कंपनी यूजर को एक किट देती है, जिसमें –
एक डिश एंटीना (DTH की तरह)
एक वाई-फाई राउटर
पावर सप्लाई केबल और स्टैंड
डिश एंटीना को खुले स्थान पर लगाना होता है। यह सीधा सैटेलाइट से सिग्नल रिसीव करता है और फिर उसे राउटर के जरिए डिवाइस तक पहुंचाता है। इसके अलावा, स्टारलिंक का एक मोबाइल ऐप भी आता है, जिससे सेटअप और मॉनिटरिंग आसान हो जाती है।
कैसे मिलती है सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस?
1. इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर (ISP) डेटा सेंटर से इंटरनेट डेटा को सैटेलाइट पर भेजता है।
2. यह डेटा 550 किलोमीटर ऊपर घूम रहे स्टारलिंक सैटेलाइट तक पहुंचता है।
3. जब कोई यूजर इंटरनेट का इस्तेमाल करता है, तो उसकी रिक्वेस्ट पहले घर में लगे डिश एंटीना तक जाती है।
4. डिश यह रिक्वेस्ट स्टारलिंक सैटेलाइट तक भेजता है, फिर डेटा वापस इंटरनेट से जुड़कर यूजर तक पहुंच जाता है।
5. यह पूरी प्रक्रिया बहुत तेजी से होती है, जिससे 250 Mbps तक की हाई-स्पीड इंटरनेट मिलती है।
स्टारलिंक क्यों है सबसे अलग?
स्टारलिंक बाकी सैटेलाइट इंटरनेट कंपनियों से काफी अलग और तेज़ है।
अन्य कंपनियां Geostationary Satellites का उपयोग करती हैं, जो 35,786 किलोमीटर ऊपर होती हैं। इतनी ऊंचाई पर होने से डेटा ट्रांसफर धीमा हो जाता है।
जबकि, स्टारलिंक के करीब 7000 सैटेलाइट सिर्फ 550 किलोमीटर की ऊंचाई पर होते हैं। कम ऊंचाई के कारण डेटा ट्रांसफर बहुत तेज होता है और इंटरनेट की स्पीड भी ज्यादा मिलती है।
स्टारलिंक के ये सैटेलाइट पूरी धरती का तेज़ी से चक्कर लगाते हैं, जिससे लगभग हर जगह इंटरनेट कवरेज मिलता है।
भारत में कब आएगा स्टारलिंक इंटरनेट?
स्टारलिंक ने दुनिया के कई देशों में अपनी सैटेलाइट इंटरनेट सेवा शुरू कर दी है। भारत में भी जियो और एयरटेल इसके साथ मिलकर काम कर रहे हैं, ताकि इसे जल्द लॉन्च किया जा सके।
स्टारलिंक भविष्य का इंटरनेट है, जो उन इलाकों तक भी पहुंच सकता है, जहां अब तक इंटरनेट नहीं था। बिना केबल और टॉवर के सैटेलाइट से सीधे हाई-स्पीड इंटरनेट मिलना, इसे एक बेहतरीन विकल्प बनाता है। आने वाले समय में, यह सेवा भारत के ग्रामीण और दूर-दराज़ के इलाकों में इंटरनेट क्रांति ला सकती है।