आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने विपक्षी दलों द्वारा खुद को “चुनावी हिंदू” कहे जाने पर कड़ी प्रतिक्रिया दी। साथ ही, उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि भारतीय करंसी (नोट) पर लक्ष्मी और गणेश की फोटो छापने का उनका प्रस्ताव देश के हित में क्यों है।
पंडितों और पुजारियों के वेतन का मुद्दा
एक इंटरव्यू में जब केजरीवाल से पूछा गया कि उन्हें पंडितों और पुजारियों की याद चुनाव के समय ही क्यों आती है, तो उन्होंने कहा कि मौलवियों को वक्फ बोर्ड के माध्यम से वेतन दिया जाता है, लेकिन देश के किसी भी राज्य में पंडितों और पुजारियों को ऐसा कोई लाभ नहीं मिलता। उन्होंने कहा, “बड़े-बड़े मंदिरों के पुजारी तो अपना गुजर-बसर कर लेते हैं, लेकिन छोटे मंदिरों के पुजारी बहुत मुश्किल में जीते हैं। सुबह तीन बजे से भगवान और भक्तों की सेवा में लगे रहने वाले ये पुजारी मुश्किल से 3-5 हजार रुपये महीना कमा पाते हैं। क्या इतने पैसों में कोई अपना घर चला सकता है?”
उन्होंने आगे कहा, “हमने छोटे मंदिरों के पुजारियों के लिए 18 हजार रुपये प्रति माह का वेतन देने की घोषणा की। इससे बीजेपी बुरी तरह बौखला गई, जैसे मैंने कोई पाप कर दिया हो। अगर गरीब पुजारियों की मदद करना गलत है, तो मैं ऐसा ‘पाप’ बार-बार करूंगा।”
‘चुनावी हिंदू’ के आरोप पर पलटवार
केजरीवाल ने कहा, “बीजेपी वाले मुझे चुनावी हिंदू कहते हैं। मैं परसों सालासर में बालाजी के दर्शन करने गया था। मंदिर में ‘बालाजी की जय’ के नारे लग रहे थे। इतने में कुछ बीजेपी वाले मुझे देखकर ‘मोदी-मोदी’ के नारे लगाने लगे। मैं सोचता हूं कि बालाजी की मूर्ति के सामने भी इन्हें मोदी-मोदी क्यों दिखता है। बताइए, यहां चुनावी हिंदू कौन है? जो बालाजी की जय कर रहा है या जो मोदी-मोदी के नारे लगा रहा है?”
उन्होंने कहा, “मंदिर में जब कोई पूजा करने जाता है, तो क्या पुजारी यह पूछता है कि आप चुनावी हिंदू हैं या कौन से हिंदू हैं? यह सब गंदी राजनीति है। मैं इन लोगों से कहना चाहता हूं कि भगवान से डरें। इतना अहंकार मत करें। ऊपरवाला सब देख रहा है। आज नहीं तो कल, हरकतों का फल जरूर मिलेगा।”
लक्ष्मी-गणेश की फोटो वाले नोट का विचार
गुजरात चुनाव के दौरान नोट पर लक्ष्मी और गणेश की फोटो की मांग पर केजरीवाल ने कहा, “लक्ष्मी और गणेश धन-वैभव और समृद्धि के प्रतीक हैं। क्या यह सही नहीं है? मेरा यह कहना है कि अगर भारतीय मुद्रा पर लक्ष्मी और गणेश की फोटो होगी, तो इससे देश पर उनकी कृपा होगी और देश तरक्की करेगा। इसमें राजनीति कहां से आ गई?”
उन्होंने कहा कि उनका यह सुझाव किसी धर्म विशेष की राजनीति करने के लिए नहीं, बल्कि देश के कल्याण के लिए था। “लक्ष्मीजी और गणेशजी देश के हर व्यक्ति के पूज्य हैं। उनसे आशीर्वाद मांगना क्या गलत है?”
हिंदू वोट बैंक में सेंध के सवाल पर जवाब
जब उनसे पूछा गया कि क्या यह सब हिंदू वोट बैंक में सेंध लगाने की राजनीति है, तो उन्होंने कहा, “हम अच्छी राजनीति कर रहे हैं। गरीब पंडितों और पुजारियों की मदद करना राजनीति नहीं है। हमने हमेशा धर्म के नाम पर राजनीति नहीं, बल्कि सेवा की बात की है। ये लोग राम के नाम पर राजनीति करते हैं। हम तो दिल से रामजी को मानते हैं।”
केजरीवाल का संदेश
केजरीवाल ने अंत में कहा कि उनकी सरकार ने पुजारियों को वेतन देने की शुरुआत कर यह साबित कर दिया है कि वे हर वर्ग के कल्याण के लिए काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा, “हमने वह किया जो अब तक किसी ने नहीं किया। चाहे मंदिरों के पुजारी हों या गरीब वर्ग, उनकी सेवा करना हमारा धर्म है। हम इसे जारी रखेंगे।”
वहीं, विपक्षी दलों ने इसे केवल चुनावी प्रचार बताया है, लेकिन केजरीवाल ने अपने कार्यों के जरिए यह दिखाने की कोशिश की है कि उनकी नीयत सेवा की है, राजनीति की नहीं।