निर्देशक शूजित सरकार, जो ‘विक्की डोनर’, ‘पीकू’, और ‘अक्टूबर’ जैसी सजीव और संवेदनशील कहानियों को बड़े पर्दे पर लाने के लिए मशहूर हैं, अब अभिषेक बच्चन के साथ अपनी नई फिल्म ‘आई वांट टू टॉक’ लेकर आ रहे हैं। फिल्म का ट्रेलर हाल ही में रिलीज हुआ है, और यह दर्शकों को मसाला एंटरटेनर फिल्मों के शोरगुल से दूर एक शांत और गहन अनुभव का वादा करती दिख रही है।
कहानी: जिंदगी के आखिरी पलों की भावुकता
‘आई वांट टू टॉक’ अर्जुन (अभिषेक बच्चन) नामक एक व्यक्ति की कहानी है, जो एक गंभीर मेडिकल स्थिति से गुजर रहा है। ट्रेलर की शुरुआत में ही अर्जुन को सर्जरी के बाद जख्मी हालत में देखा जाता है, जिसमें उसके चेहरे का निचला हिस्सा क्षतिग्रस्त दिखता है और उसकी बोलने की क्षमता प्रभावित हो गई है। अर्जुन को अब अपनी जिंदगी के सीमित समय का एहसास हो गया है, और इसके चलते वह उन सभी रिश्तों में सुधार करना चाहता है जिन्हें वह पहले वक्त नहीं दे पाया। अर्जुन अपनी जिंदगी को नई दृष्टि से देखता है और बाकी बचे हुए वक्त का सदुपयोग करना चाहता है, खासतौर पर माफी मांगने और पश्चाताप करने के लिए।
जीवन की कड़वाहट में हास्य का संचार
फिल्म की कहानी में एक गहरा ट्विस्ट है, जो अर्जुन और अन्य पात्रों के बीच हास्य-व्यंग्य से भरी बातचीत के रूप में सामने आता है। अर्जुन की स्थिति और उसके आत्मनिरीक्षण से उत्पन्न होने वाली बातचीत में एक डार्क ह्यूमर का पुट है, जो निर्देशक शूजित सरकार के विशिष्ट शैली का हिस्सा है। अर्जुन के डॉक्टर का किरदार निभा रहे जयंत कृपलानी का ह्यूमर और भी अधिक डार्क है, जिससे कहानी में एक अनूठा आकर्षण जुड़ता है।
अभिषेक बच्चन का अभिनय: नया और दमदार अंदाज
हाल के दिनों में अभिषेक बच्चन ने ‘घूमर’ जैसी फिल्मों में भी कुछ अलग तरह के किरदार निभाए हैं। इस फिल्म में उनके अभिनय में गहराई और ठहराव है जो शूजित सरकार के निर्देशन में एक नई ऊंचाई पर दिखाई दे रहा है। अर्जुन के किरदार में अभिषेक का प्रदर्शन काफी संवेदनशील और नाज़ुक है, जो दर्शकों को उनके संघर्षों और आत्मनिरीक्षण में बांधे रखता है।
फिल्म के अन्य किरदार
इस फिल्म में जॉनी लीवर का एक महत्वपूर्ण किरदार है, जो अभिषेक के साथ हास्य से भरपूर संवादों के साथ नजर आते हैं। इस तरह की गहरी कहानी में जॉनी लीवर का अभिनय एक ताजगी लेकर आता है। अभिषेक की बेटी के किरदार में डिजिटल क्रिएटर अहिल्या बमरू हैं, जिनका किरदार अर्जुन के भावनात्मक संघर्ष में एक नई परत जोड़ता है।
शूजित सरकार की स्लाइस-ऑफ-लाइफ शैली
शूजित सरकार की फिल्मों का विशेष गुण है कि वे जीवन के छोटे-छोटे पहलुओं को बारीकी से चित्रित करती हैं, जैसे कि ‘पीकू’ में रिश्तों की उलझन या ‘अक्टूबर’ में जिंदगी की गंभीरता। ‘आई वांट टू टॉक’ भी जिंदगी के संघर्ष और रिश्तों की गहराई को बहुत ही सादगी से दिखाने की कोशिश करती है। फिल्म की कहानी में सादगी है, लेकिन वह किसी ग्रैंड सिनेमाई अनुभव के बजाय वास्तविकता के करीब है।
एक जरूरी संदेश
इस फिल्म का संदेश है कि जिंदगी कितनी भी कठिन क्यों न हो, हमें अपने रिश्तों को संजोने का प्रयास करना चाहिए। अर्जुन का संघर्ष और उसका अपने प्रियजनों के साथ फिर से जुड़ने का प्रयास इस बात को दर्शाता है कि जब किसी के पास समय सीमित होता है, तो वे जीवन और रिश्तों को किस तरह से देखता है। यह संदेश दर्शकों के दिल को छू सकता है और सोचने पर मजबूर कर सकता है कि वे अपने रिश्तों को किस तरह से निभाते हैं।
रिलीज और दर्शकों की प्रतिक्रिया
‘आई वांट टू टॉक’ 22 नवंबर को थिएटर्स में रिलीज होगी। थोक के भाव में आ रही मसाला एंटरटेनर फिल्मों के बीच यह फिल्म एक ताजगी और राहत भरी सुबह जैसी लग रही है। यह फिल्म निश्चित रूप से उन दर्शकों को आकर्षित करेगी जो जीवन के गहरे पहलुओं पर आधारित कहानियों को पसंद करते हैं।