नई दिल्ली: अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायालय (आईसीसी) ने इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू, पूर्व रक्षा मंत्री योआव गैलेंट और हमास के सैन्य कमांडर मोहम्मद जईफ के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किए हैं। न्यायालय ने इन तीनों पर कथित युद्ध अपराधों और मानवता के खिलाफ अपराधों के लिए आपराधिक जिम्मेदारी लेने का आधार पाया है।
आईसीसी के प्री-ट्रायल चैंबर ने इजरायल द्वारा अदालत के अधिकार क्षेत्र को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज कर दिया। अदालत ने अपने बयान में कहा कि नेतन्याहू और गैलेंट पर गाजा को जानबूझकर भुखमरी की ओर धकेलने का आरोप है। मोहम्मद जईफ पर भी ऐसे ही गंभीर आरोप लगाए गए हैं। हालांकि, इजरायली सेना का कहना है कि जईफ जुलाई में गाजा में एक हवाई हमले में मारा गया था, लेकिन हमास ने इसकी पुष्टि नहीं की है।
युद्ध अपराध और मानवता के खिलाफ अपराध
आईसीसी ने कहा कि नेतन्याहू और गैलेंट ने गाजा में आम नागरिकों को भोजन, पानी, और जरूरी चिकित्सा सेवाओं से वंचित रखने की साजिश रची। यह अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून का उल्लंघन है। न्यायालय ने यह भी पाया कि हमास ने अपने सैन्य अभियानों के दौरान आम नागरिकों को जानबूझकर निशाना बनाया और उनका इस्तेमाल ‘मानव ढाल’ के रूप में किया।
इजरायल और हमास की प्रतिक्रिया
इजरायल सरकार ने आईसीसी के वारंट को राजनीति से प्रेरित बताते हुए खारिज कर दिया है। इजरायली प्रधानमंत्री कार्यालय ने कहा, “आईसीसी को ऐसे मामलों में दखल देने का कोई अधिकार नहीं है। यह इजरायल की न्यायिक प्रणाली पर हमला है।” वहीं, हमास ने आईसीसी के वारंट को “पक्षपातपूर्ण” करार दिया है और कहा है कि यह उनके आंदोलन को बदनाम करने का प्रयास है।
सीजफायर प्रस्ताव पर अमेरिका का वीटो
गाजा में चल रहे युद्ध को रोकने के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में लाए गए सीजफायर प्रस्ताव को अमेरिका ने चौथी बार वीटो कर दिया। प्रस्ताव में गाजा में तुरंत, बिना शर्त और स्थायी युद्धविराम की मांग की गई थी। इसके अलावा, सभी बंधकों की तत्काल और बिना शर्त रिहाई का आह्वान किया गया था।
सुरक्षा परिषद के 15 में से 14 सदस्यों ने इस प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया। लेकिन अमेरिका ने इसे यह कहते हुए खारिज कर दिया कि यह प्रस्ताव इजरायल के सुरक्षा अधिकारों को कमजोर कर सकता है। अमेरिका की स्थायी प्रतिनिधि ने कहा, “हम गाजा में शांति चाहते हैं, लेकिन यह प्रस्ताव इजरायल की सुरक्षा चिंताओं को अनदेखा करता है।”
मानवीय संकट और अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया
गाजा में जारी युद्ध के कारण मानवीय संकट गहराता जा रहा है। हजारों लोग मारे गए हैं और लाखों बेघर हो गए हैं। संयुक्त राष्ट्र और कई अंतरराष्ट्रीय संगठनों ने इजरायल और हमास दोनों पर नागरिकों की सुरक्षा में विफल रहने का आरोप लगाया है।
यूरोपीय संघ और कई अन्य देशों ने अमेरिका के वीटो की आलोचना की है। फ्रांस ने इसे “मानवीय मूल्यों के खिलाफ” बताया, जबकि चीन और रूस ने अमेरिका पर “अंतरराष्ट्रीय कानून की अवहेलना” करने का आरोप लगाया।
गाजा की स्थिति गंभीर
गाजा में बिजली, पानी, और दवाओं की भारी कमी हो गई है। कई अस्पताल बंद हो चुके हैं और बच्चों की मौतों की संख्या बढ़ रही है। अंतरराष्ट्रीय रेड क्रॉस और अन्य राहत एजेंसियों ने गाजा में तत्काल मानवीय सहायता पहुंचाने की अपील की है।
आईसीसी का कदम क्या बदल सकता है?
आईसीसी द्वारा गिरफ्तारी वारंट जारी करना एक ऐतिहासिक कदम है, लेकिन इसके प्रभाव पर सवाल उठ रहे हैं। इजरायल आईसीसी का सदस्य नहीं है और उसने पहले ही अदालत के फैसले को मानने से इनकार कर दिया है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम अंतरराष्ट्रीय समुदाय पर दबाव बढ़ाने के लिए प्रतीकात्मक हो सकता है।
फिलहाल, गाजा में हालात बद से बदतर हो रहे हैं। युद्धविराम के लिए अंतरराष्ट्रीय दबाव बढ़ रहा है, लेकिन अमेरिका के वीटो ने शांति प्रक्रिया को झटका दिया है। ऐसे में, आईसीसी और सुरक्षा परिषद के बीच संतुलन बनाना चुनौतीपूर्ण होगा।