
पंजाब में चल रही नशे के खिलाफ मुहिम के तहत स्वास्थ्य विभाग की ड्रग विंग को एक बड़ी सफलता मिली है। अमृतसर की होलसेल मार्केट में एक गैर-कानूनी गोदाम से करीब 70 लाख रुपए की नशीली और प्रतिबंधित दवाइयाँ जब्त की गई हैं। यह अब तक की सबसे बड़ी रिकवरी मानी जा रही है।
छापेमारी में मिला भारी मात्रा में नशा
छापेमारी कटरा शेर सिंह इलाके की होलसेल दवा मार्केट में की गई। जांच के दौरान गणेश फार्मा के अमित कुमार द्वारा संचालित एक गोदाम की तलाशी ली गई, जो चौथी मंजिल पर स्थित था और बिना लाइसेंस के चल रहा था। यहां से प्रीगाबालिन जैसी नशीली दवाइयों समेत 16 तरह की दवाइयाँ बरामद की गईं। कुल मिलाकर जब्त की गई दवाइयों की कीमत लगभग 70 लाख रुपये आंकी गई है।
गोदाम के संचालक खरीद-बिक्री के दस्तावेज और वैध लाइसेंस दिखाने में असफल रहे, जिस कारण आगे की कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी गई है। विभाग की टीम ने मौके से 6 नमूने जांच और विश्लेषण के लिए भी लिए हैं।
ड्रग विंग की मुस्तैदी
जोनल लाइसेंस अथॉरिटी कुलविंदर सिंह ने जानकारी दी कि यह कार्रवाई नशे के सौदागरों के खिलाफ पंजाब सरकार द्वारा छेड़ी गई मुहिम का हिस्सा है। उन्होंने कहा कि ड्रग एंड कॉस्मेटिक एक्ट को सख्ती से लागू करने के लिए ड्रग विंग लगातार कार्रवाई कर रहा है।
ड्रग कंट्रोल अधिकारी बबलीन कौर और उनकी टीम इस पूरी कार्रवाई में मौजूद रही और पूरे क्षेत्र में सतर्कता बढ़ा दी गई है। अब तक जिले में कई मेडिकल स्टोरों को सील किया जा चुका है और लगभग एक दर्जन के लाइसेंस सस्पेंड किए जा चुके हैं।
कैमिस्ट एसोसिएशन ने की कार्रवाई की सराहना
पंजाब कैमिस्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष अशोक गोयल ने स्वास्थ्य विभाग की कार्रवाई की सराहना करते हुए कहा कि उनकी संस्था हमेशा से नशे के खिलाफ रही है। उन्होंने स्पष्ट किया कि एसोसिएशन का कोई संबंध उन मेडिकल दुकानों से नहीं है जो नशीली दवाइयों का अवैध धंधा करती हैं।
गोयल ने सरकार से मांग की कि जो लोग मेडिकल व्यवसाय की आड़ में नशे का व्यापार करते हैं, उन पर कड़ी कार्रवाई की जाए।
अब होगी और सख्ती
स्वास्थ्य विभाग ने अब ड्रग एंड कॉस्मेटिक एक्ट के तहत सभी मेडिकल स्टोरों को नियमों की पालना कराने के लिए नई एडवाइजरी भी जारी की है। इसमें कहा गया है कि:
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मेडिकल स्टोर पर लाइसेंस स्पष्ट रूप से प्रदर्शित किया जाए।
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स्टोर पर क्वालिफाइड फार्मासिस्ट की मौजूदगी अनिवार्य हो।
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शेड्यूल H और H1 दवाइयों की बिक्री केवल फार्मासिस्ट की निगरानी में ही हो।
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खरीद और बिक्री का रिकॉर्ड व्यवस्थित तरीके से रखा जाए।
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CCTV कैमरे अनिवार्य रूप से लगाए जाएं।
पूरे जिले में चैकिंग अभियान तेज
डिप्टी कमिश्नर साक्षी साहनी के आदेश पर जिले के 4000 से अधिक मेडिकल स्टोरों की चेकिंग के लिए 30 से ज्यादा टीमें गठित की गई हैं। ड्रग कंट्रोल अधिकारी सुखदीप सिंह ने बताया कि अब तक 500 से अधिक दुकानों की जांच की जा चुकी है, जिसमें कई गड़बड़ियाँ सामने आई हैं।
सिविल सर्जन डॉ. किरणदीप कौर ने बताया कि अब तक आधा दर्जन दुकानों को सील किया गया है, एक लाइसेंस रद्द किया गया है और 10 को सस्पेंड किया गया है।
यह कार्रवाई दिखाती है कि पंजाब सरकार की नशा विरोधी मुहिम अब और सख्त हो चुकी है और अवैध दवाइयों का धंधा करने वालों के लिए अब कोई जगह नहीं है।