पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने लुधियाना स्थित पंजाब कृषि विश्वविद्यालय (PAU) में आयोजित भारतीय पारिस्थितिकी सोसाइटी अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन के उद्घाटन समारोह में भाग लिया। इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम में मुख्यमंत्री भगवंत मान ने जलवायु परिवर्तन, ऊर्जा संकट और खाद्य सुरक्षा जैसे अहम मुद्दों पर विशेषज्ञों के साथ विचार-विमर्श किया। उनके साथ पंजाब के राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया भी उपस्थित रहे।
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने अपने उद्घाटन भाषण में कहा कि जिस प्रकार कृषि में तकनीकी सुधार आ रहे हैं, जैसे ड्रोन और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का उपयोग, ठीक उसी प्रकार हमें कृषि के पारंपरिक तरीकों को भी समय के साथ अपडेट करने की जरूरत है। उन्होंने उम्मीद जताई कि इस सम्मेलन में भाग लेने वाले विशेषज्ञों और वैज्ञानिकों से हमें पर्यावरण और कृषि से जुड़ी समस्याओं के समाधान के लिए सार्थक परिणाम मिलेंगे। मुख्यमंत्री ने अपील करते हुए कहा कि पंजाब के पानी के संरक्षण और उसे आने वाली पीढ़ियों के लिए बचाने की जिम्मेदारी हम सभी की है। उन्होंने इसे सिर्फ एक कर्तव्य नहीं, बल्कि एक फ़र्ज़ बताया और इसके लिए एक सामाजिक आंदोलन की आवश्यकता पर बल दिया।
मुख्यमंत्री ने पंजाब की उपजाऊ भूमि और राज्य के मेहनती किसानों का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा, “मैंने दुनिया भर का दौरा किया है, लेकिन पंजाब जैसी उपजाऊ धरती कहीं नहीं देखी। यहां की भूमि इतनी समृद्ध है कि यह अत्यधिक फसल उत्पादन के लिए जानी जाती है।” उन्होंने अंतरराष्ट्रीय प्रतिनिधियों के सामने पंजाब के कृषि क्षेत्र की सफलता की सराहना करते हुए राज्य के कृषि विकास की दिशा में राज्य सरकार की योजनाओं को साझा किया।
मुख्यमंत्री ने जलवायु परिवर्तन के प्रभाव को लेकर चिंता जताते हुए किसानों से आग्रह किया कि वे अपने कृषि तरीकों में बदलाव लाएं। उन्होंने कहा कि हमें वैज्ञानिकों द्वारा सुझाए गए नए तरीके अपनाने होंगे ताकि उत्पादन में वृद्धि हो और पंजाब की आर्थिक स्थिति मजबूत हो। उन्होंने उम्मीद जताई कि इस बदलाव के माध्यम से पंजाब को एक खुशहाल और समृद्ध राज्य बनाया जा सकता है।
भगवंत मान ने अंत में सभी अंतर्राष्ट्रीय डेलिगेट्स से अनुरोध किया कि वे कृषि और पर्यावरण के क्षेत्र में पंजाब के अनुभवों और ज्ञान को साझा करें ताकि वैश्विक स्तर पर इन समस्याओं का समाधान किया जा सके। इस सम्मेलन के माध्यम से राज्य सरकार पर्यावरण संरक्षण, जलवायु परिवर्तन और कृषि के क्षेत्र में वैश्विक स्तर पर सहयोग बढ़ाने का लक्ष्य रखती है।
मुख्यमंत्री का यह बयान पंजाब के कृषि क्षेत्र के लिए एक नई दिशा की ओर इशारा करता है, जिसमें आधुनिक तकनीक और पारंपरिक कृषि पद्धतियों का समावेश होगा। IESIC सम्मेलन ने इस दिशा में महत्वपूर्ण कदम बढ़ाया है, जो न केवल पंजाब बल्कि देश और दुनिया के कृषि क्षेत्र में बदलाव की आवश्यकता को उजागर करता है।