दिल्ली सरकार के स्कूलों में सुधार: सीएम आतिशी ने कहा, पेरेंट्स और बच्चों के चेहरे पर खुशी
दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने रविवार (29 दिसंबर) को दिल्ली सरकार के स्कूलों में हुए मेगा पीटीएम (पेरेंट-टीचर मीटिंग) के दौरान एक बड़ी बात कही। उन्होंने कहा कि दिल्ली के सरकारी स्कूलों में पेरेंट्स का आत्मविश्वास और उनके चेहरे की खुशी से साफ है कि इन स्कूलों में बच्चों के भविष्य के लिए शानदार नींव रखी जा रही है। उन्होंने यह भी कहा कि दिल्ली के बच्चों को अब वर्ल्ड क्लास शिक्षा मिल रही है, जो पहले सिर्फ बड़े प्राइवेट स्कूलों में ही मुमकिन मानी जाती थी।
मेगा पीटीएम का आयोजन सर्वोदय को-एड विद्यालय नंबर 2, कालकाजी में किया गया, जहां सीएम आतिशी ने पेरेंट्स और बच्चों से सीधी बातचीत की। इस मौके पर उन्होंने कहा कि यह पहल अरविंद केजरीवाल की सरकार द्वारा शुरू की गई थी, जिसका उद्देश्य सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों और उनके माता-पिता को बेहतर संवाद का मौका देना था।
सीएम आतिशी ने बताया कि पहले पेरेंट-टीचर मीटिंग्स केवल बड़े प्राइवेट स्कूलों तक सीमित थीं, लेकिन अब दिल्ली सरकार के स्कूलों में भी इस तरह की बैठकें लगातार आयोजित हो रही हैं। उन्होंने कहा, “पिछले 10 सालों से दिल्ली सरकार के स्कूलों में मेगा पीटीएम का आयोजन हो रहा है, और इस बार भी बारिश के बावजूद बड़ी संख्या में पेरेंट्स ने इसमें हिस्सा लिया। यह दिखाता है कि पेरेंट्स अपनी बच्चों की पढ़ाई को लेकर गंभीर हैं और उनके लिए स्कूल के साथ तालमेल बढ़ाना चाहते हैं।”
सीएम ने यह भी बताया कि पेरेंट्स से उनकी बातचीत के दौरान यह साफ हो गया कि बच्चों को दी जा रही शिक्षा से वे खुश हैं। “आज छोटे बच्चे फर्राटेदार अंग्रेजी बोल रहे हैं, जो पहले शायद ही कभी देखा जाता था। माता-पिता खुश हैं कि अब बच्चों को वही शिक्षा मिल रही है, जो पहले बड़े प्राइवेट स्कूलों में मिलती थी।”
सीएम आतिशी ने पीटीएम में पेरेंट्स की बढ़ती भागीदारी को महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि इससे यह संकेत मिलता है कि अब पेरेंट्स और टीचर्स दोनों ही बच्चों की पढ़ाई और भविष्य के लिए मिलकर काम कर रहे हैं।
इसके अलावा, सीएम ने पेरेंट्स से आग्रह किया कि वे बच्चों के साथ समय बिताएं और उनकी परेशानियों को समझने की कोशिश करें। “कई बच्चे अपने माता-पिता से खुलकर बातें नहीं कर पाते, इसलिए मैं पेरेंट्स से अपील करती हूं कि वे अपने बच्चों के साथ कम से कम आधा घंटा समय बिताएं और उनकी भावनाओं और परेशानियों को समझने का प्रयास करें,” सीएम ने कहा।
इस दौरान, दसवीं कक्षा के एक पेरेंट ने कहा कि सरकारी स्कूलों में अब बच्चों को बहुत अच्छे तरीके से पढ़ाया जाता है और टीचर्स बच्चों को स्कूल के बाद भी मदद करते हैं। उनका कहना था कि पहले बच्चों को बोलने में झिझक होती थी, लेकिन अब बच्चों का आत्मविश्वास बढ़ा है और वे अंग्रेजी में बेझिजक बातें करते हैं।
मेगा पीटीएम के इस आयोजन ने सरकारी स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता में हुए सुधार को स्पष्ट रूप से उजागर किया और यह संदेश दिया कि दिल्ली सरकार के स्कूल अब बच्चों के उज्जवल भविष्य के निर्माण के लिए एक मजबूत प्लेटफॉर्म बन गए हैं।