
हाल ही में म्यांमार और ताजिकिस्तान में धरती एक बार फिर कांप उठी है। रविवार सुबह म्यांमार के मध्य हिस्से में स्थित एक छोटे शहर मेक्टीला के पास 5.5 तीव्रता का भूकंप आया। यह जानकारी अमेरिकी भू-वैज्ञानिक सर्वेक्षण (USGS) द्वारा दी गई है। दूसरी ओर, ताजिकिस्तान में भी लगभग इसी समय ज़ोरदार झटके महसूस किए गए, जिनकी तीव्रता 6.4 मापी गई।
म्यांमार में हालात पहले से ही नाजुक
गौरतलब है कि म्यांमार हाल ही में 28 मार्च को आए 7.7 तीव्रता वाले शक्तिशाली भूकंप से जूझ रहा है, जिसने देश के केंद्रीय इलाकों में भारी तबाही मचाई थी। राहत और बचाव कार्य अभी भी जारी थे कि तभी यह नया झटका आ गया।
USGS के अनुसार, यह भूकंप म्यांमार की राजधानी नेपीतॉ और देश के दूसरे सबसे बड़े शहर मांडले के बीच आया। इसकी गहराई लगभग 7.7 किलोमीटर मापी गई। हालांकि, म्यांमार के मौसम विभाग का कहना है कि भूकंप की गहराई 20 किलोमीटर थी और इसका केंद्र वुंडविन टाउनशिप के पास था, जो मांडले से लगभग 97 किलोमीटर दक्षिण में स्थित है।
स्थानीय लोगों ने बताया कि झटके इतने तेज थे कि लोग घबराकर घरों से बाहर निकल आए। कुछ मकानों की छतों को नुकसान भी पहुंचा है। फिलहाल किसी बड़ी जान-माल की हानि की पुष्टि नहीं हुई है।
पहले भूकंप में भारी नुकसान
म्यांमार की फौजी सरकार के प्रवक्ता मेजर जनरल ज़ॉ मिन तुन ने जानकारी दी कि 28 मार्च को आए भूकंप में अब तक 3,649 लोगों की मौत हो चुकी है और 5,018 से अधिक घायल हुए हैं। उस भूकंप के बाद से देश में सैकड़ों आफ्टरशॉक्स (झटके) आ चुके हैं और रविवार का भूकंप उनमें सबसे शक्तिशाली माना जा रहा है।
ताजिकिस्तान में भी तेज झटके
वहीं ताजिकिस्तान में भी रविवार तड़के धरती हिली। यूरोपियन-मेडिटेरेनियन सीस्मोलॉजिकल सेंटर (EMSC) ने बताया कि 6.4 तीव्रता वाला भूकंप खुजंद शहर से करीब 170 किलोमीटर दक्षिण-पूर्व में आया। यह इलाका घनी आबादी वाला है, जहां करीब 1.98 लाख लोग रहते हैं। भूकंप की गहराई 16 किलोमीटर थी। अभी तक वहां से किसी जान या माल के नुकसान की खबर नहीं आई है।
पापुआ न्यू गिनी में भी धरती कांपी
इसी के साथ पापुआ न्यू गिनी में भी दो भूकंप दर्ज किए गए जिनकी तीव्रता क्रमशः 5.5 और 5.7 थी। ये झटके तटीय क्षेत्रों में आए, जिससे वहां भी अलर्ट जारी कर दिया गया।
भूकंपों की बढ़ती आवृत्ति चिंता का विषय
भूकंप वैज्ञानिकों का मानना है कि इन क्षेत्रों में भूकंप की गतिविधि बढ़ रही है। लगातार आने वाले झटकों से स्थानीय लोग डरे हुए हैं और कई इलाकों में राहत शिविरों में शरण ली गई है।
हालांकि फिलहाल कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ है, लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे समय में सतर्कता बेहद जरूरी है। लोगों को चाहिए कि वो किसी भी आपात स्थिति के लिए तैयार रहें और सरकारी दिशा-निर्देशों का पालन करें।