
पंजाब में नशा मुक्त समाज की दिशा में एक नई पहल की जा रही है। मुख्यमंत्री भगवंत मान की अगुवाई में चल रही “युद्ध नशे के विरुद्ध” मुहिम को और अधिक प्रभावशाली बनाने के लिए अब इसे जन आंदोलन का रूप दिया जा रहा है। आम आदमी पार्टी द्वारा शुरू किए गए नशा मुक्ति मोर्चा के मुख्य प्रवक्ता बलतेज पन्नू ने यह जानकारी एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में दी।
पंजाब के मालवा ज़ोन के कोऑर्डिनेटर और पटियाला नगर निगम के डिप्टी मेयर जगदीप सिंह जगा के साथ पत्रकारों से बातचीत करते हुए पन्नू ने बताया कि नशे के खिलाफ सरकार ने तीन साल की सुनियोजित रणनीति बनाई है। इस योजना के तहत तस्करों को साफ संदेश दिया गया है—या तो पंजाब छोड़ो या नशे का धंधा बंद करो।
बलतेज पन्नू ने कहा कि पंजाब पुलिस की कार्रवाई अब सिर्फ फुटकर विक्रेताओं तक सीमित नहीं रही, बल्कि अब बड़े स्तर के ड्रग तस्करों तक भी पहुंच बनाई जा रही है। उन्होंने कुछ नेताओं द्वारा अफीम और भुक्की की खेती की वकालत करने की आलोचना करते हुए कहा कि नशे का विकल्प भी नशा नहीं हो सकता। हम पंजाबियों को कभी यह टैग नहीं लगने देंगे कि हम बिना नशे के नहीं रह सकते।
उन्होंने बताया कि नशा मुक्ति की शुरुआत स्कूलों और छोटे बच्चों से करनी होगी। इसलिए अभिभावकों को यह समझाना होगा कि उनके बच्चे किसी अजनबी से कोई भी चीज़ न खाएं-पीएं। हेल्थ डिपार्टमेंट ने स्कूलों में एनर्जी ड्रिंक्स पर बैन लगाया है और अब कॉलेजों और यूनिवर्सिटियों की बारी है।
युवाओं को खेलों की ओर मोड़ने के लिए तरनतारन जिले में एक पायलट प्रोजेक्ट के तहत 83 गांवों में वॉलीबॉल ग्राउंड बनाए गए हैं। अब राज्य के हर गांव में खेल के मैदान बनाए जा रहे हैं ताकि युवाओं को स्वस्थ विकल्प मिल सके।
पन्नू ने बताया कि पंजाब को पांच ज़ोन में बांटकर 1 मई से गांव-गांव, कस्बों और शहरों में जाकर लोगों को नशे के खिलाफ जागरूक किया जाएगा। नुक्कड़ नाटकों, प्रचार सामग्रियों और हर तरह के मीडिया का सहारा लेकर इस मुहिम को जन आंदोलन बनाया जाएगा।
इस मौके पर जगदीप सिंह जगा ने मुख्यमंत्री भगवंत मान और अरविंद केजरीवाल का धन्यवाद करते हुए कहा कि नशा विरोधी अभियान को सफल बनाकर पंजाब को दोबारा ‘रंगला पंजाब’ बनाया जाएगा। उन्होंने लोगों से सरकार का साथ देने की अपील की।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह भी बताया गया कि नशा मुक्ति मोर्चा को ज़मीनी स्तर तक पहुंचाने के लिए विभिन्न ज़िलों और हलकों में कोऑर्डिनेटर नियुक्त किए गए हैं, जो आगे गांव और ब्लॉक स्तर तक अभियान को फैलाएंगे।