
पंजाब यूनिवर्सिटी पटियाला में सोमवार को एक खास माहौल देखने को मिला, जब छात्रों और शिक्षकों ने मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान द्वारा पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप योजना के तहत 429.24 करोड़ रुपये के फंड वितरण के फैसले की जमकर सराहना की। इस योजना का मकसद समाज के पिछड़े वर्गों के छात्रों को उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा मुहैया कराना है, ताकि डॉ. भीमराव अंबेडकर के सपनों को साकार किया जा सके।
छात्रों की ज़ुबानी बदलती कहानियाँ
मालेरकोटला से आई प्रभजीत कौर, जो बीसीए ऑनर्स की छात्रा हैं, ने भावुक होकर बताया कि उनके पिता दिहाड़ी मजदूर हैं और उनके लिए पांच बच्चों की पढ़ाई का खर्च उठाना बेहद मुश्किल था। लेकिन पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप योजना ने उनकी जिंदगी ही बदल दी। प्रभजीत ने बताया कि अगर यह स्कॉलरशिप न होती, तो वह कभी उच्च शिक्षा हासिल नहीं कर पातीं।
इसी तरह बीसीए ऑनर्स की एक और छात्रा मुस्कान देवी ने कहा कि वह खुद को सौभाग्यशाली मानती हैं कि सरकार ने डॉ. अंबेडकर की विरासत को आगे बढ़ाते हुए इस तरह की योजनाओं को लागू किया है। उन्होंने कहा कि इस स्कॉलरशिप से उन्हें अपने सपनों को उड़ान मिली है, और अब वे पंजाब की सामाजिक और आर्थिक तरक्की में योगदान दे सकती हैं।
गुरलीन कौर, जो बीटेक मैकेनिकल इंजीनियरिंग की छात्रा हैं, ने भी इस योजना की तारीफ की। उन्होंने कहा कि यह स्कॉलरशिप हर उस छात्र के लिए वरदान है जो किसी आर्थिक समस्या के कारण अपनी पढ़ाई बीच में छोड़ने को मजबूर होता है।
शिक्षकों का भी मिला साथ
फिजियोथेरेपी विभाग की प्रोफेसर रविंदर कौर ने कहा कि यह स्कॉलरशिप योजना न सिर्फ छात्रों को समय पर आर्थिक मदद देती है, बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर बनने में भी सहायता करती है। उन्होंने मुख्यमंत्री भगवंत मान का धन्यवाद किया कि उन्होंने विद्यार्थियों के भविष्य को संवारने की दिशा में इतना बड़ा कदम उठाया।
वहीं, डॉ. जगप्रीत कौर ने कहा कि वह स्वयं गवाह हैं कि इस योजना से कई विद्यार्थियों को सीधा लाभ मिला है। उन्होंने बताया कि विशेष रूप से पेशेवर कोर्स करने वाले छात्रों को इस योजना से बहुत राहत मिली है, क्योंकि इन कोर्सों की फीस सामान्य पाठ्यक्रमों की तुलना में काफी अधिक होती है।
इस पूरे कार्यक्रम से एक बात साफ है कि पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप योजना ने न केवल आर्थिक रूप से पिछड़े छात्रों की मदद की है, बल्कि उन्हें समाज का एक सशक्त हिस्सा भी बनाया है। पंजाब सरकार की यह पहल राज्य के युवाओं को शिक्षा के माध्यम से आगे बढ़ाने की दिशा में एक सशक्त और सराहनीय कदम है।