
हिमाचल प्रदेश से लगते इलाकों में तेज़ बारिश और हवाओं के बाद अब पंजाब का मौसम भी करवट ले रहा है। भारतीय मौसम विभाग (IMD) चंडीगढ़ केंद्र की रिपोर्ट के अनुसार, आने वाले पांच दिनों में पंजाब के कई जिलों में गरज, तेज़ हवाएं और बिजली गिरने की आशंका जताई गई है। कुछ जिलों में पहले ही बारिश हो चुकी है जिससे लोगों को तपती गर्मी से थोड़ी राहत मिली है।
तापमान में मामूली गिरावट
मौसम विभाग के अनुसार, राज्य का औसत अधिकतम तापमान अब भी सामान्य के करीब है, लेकिन बीते दिन की तुलना में इसमें 0.6 डिग्री सेल्सियस की गिरावट दर्ज की गई है। हालांकि, बठिंडा सबसे गर्म रहा, जहां अधिकतम तापमान 45.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया — जो पूरे राज्य में सबसे अधिक है। यह तापमान गर्मी के इस मौसम में चिंता का कारण बन सकता है।
चंडीगढ़ में तापमान 39.0 डिग्री सेल्सियस, अमृतसर में 41.3 डिग्री सेल्सियस और लुधियाना में 41.0 डिग्री सेल्सियस रहा। इसके अलावा, फरीदकोट, रोपड़ और पटियाला जैसे जिलों में भी तापमान 40 डिग्री से ऊपर रहा।
आने वाले दिनों के लिए मौसम पूर्वानुमान (IMD अलर्ट)
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17 मई: पूरे पंजाब में मौसम सामान्य रहेगा, किसी प्रकार की चेतावनी नहीं है। लोगों को गर्मी से राहत तो नहीं मिलेगी, लेकिन कोई गंभीर मौसम परिवर्तन नहीं होगा।
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18 मई: इस दिन भी पंजाब के सभी जिलों में मौसम सामान्य रहेगा और किसी प्रकार का खतरा नहीं है।
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19 मई: स्थिति थोड़ी बदल सकती है। मौसम विभाग ने 12 जिलों में गरज के साथ बिजली गिरने की चेतावनी जारी की है। इन जिलों में तेज़ हवाओं के साथ हल्की बारिश भी हो सकती है, जिससे दिन का तापमान कुछ हद तक गिर सकता है।
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20 मई: पठानकोट, गुरदासपुर, होशियारपुर, नवांशहर और मोहाली जैसे जिलों में मौसम विभाग ने ‘येलो अलर्ट’ जारी किया है। इसका मतलब है कि इन इलाकों में तेज़ हवाएं, गरज और बिजली गिरने जैसी घटनाएं हो सकती हैं। लोगों को सावधानी बरतने की सलाह दी गई है, खासतौर पर खुले इलाकों और पेड़ों के नीचे खड़े न हों।
लोगों के लिए सलाह
मौसम विभाग ने लोगों को सलाह दी है कि गरज और बिजली गिरने के दौरान बाहर निकलने से बचें। खेतों, खुले मैदानों या ऊंची जगहों पर खड़े न हों। यदि आप यात्रा की योजना बना रहे हैं, तो मौसम की स्थिति को ध्यान में रखते हुए तैयारी करें।
इस तरह के मौसम बदलावों से जहां गर्मी से थोड़ी राहत मिलती है, वहीं बिजली गिरने और तेज़ हवाओं से खतरे भी बढ़ जाते हैं। प्रशासन और स्थानीय एजेंसियों को सतर्क रहने और आम जनता को समय-समय पर जानकारी देने के निर्देश दिए गए हैं।