क्रिसमस के अवसर पर आज, 25 दिसंबर, को दुनियाभर के शेयर बाजारों में अवकाश है। भारत में भी आज घरेलू शेयर बाजार बंद हैं। न तो बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) पर कोई कारोबार हो रहा है और न ही कमोडिटी और करेंसी मार्केट में कोई ट्रेडिंग है। इक्विटी सेगमेंट, डेरिवेटिव सेगमेंट और एसएलबी सेगमेंट भी आज पूरी तरह से बंद हैं।
अगले हफ्ते नए साल की छुट्टियां
क्रिसमस के साथ ही दुनियाभर में नए साल का जश्न भी शुरू होने वाला है। मौजूदा सप्ताह में केवल चार कारोबारी सत्र हैं, क्योंकि सोमवार यानी क्रिसमस के दिन अवकाश है। वहीं, अगले सप्ताह बुधवार, 1 जनवरी 2025, को नया साल शुरू हो रहा है। इस दिन दुनियाभर के कई बाजारों में अवकाश रहेगा।
हालांकि, भारत में 1 जनवरी को कोई सार्वजनिक अवकाश नहीं होता। इस दिन न केवल स्टॉक एक्सचेंज खुले रहते हैं, बल्कि बैंक, सरकारी दफ्तर और अन्य संस्थान भी सामान्य रूप से काम करते हैं। हालांकि, कुछ कॉरपोरेट कार्यालय, जो वैश्विक कैलेंडर का पालन करते हैं, नए साल पर अवकाश रखते हैं।
विदेशी निवेशकों के कारण बाजार में सुस्ती का अनुमान
शेयर बाजार के विश्लेषकों का मानना है कि अगले कुछ दिनों में बाजार में सुस्ती का माहौल रहेगा। हर साल देखा गया है कि विदेशी निवेशक साल के आखिरी दिनों में अपने निवेश को भुनाते हैं। वे इस धन का उपयोग छुट्टियों के दौरान खर्च करने और यात्रा आदि के लिए करते हैं। इससे शेयर बाजार में तरलता की कमी हो सकती है और कारोबार का स्तर अपेक्षाकृत कम रह सकता है।
क्रिसमस और नए साल की छुट्टियों का असर वैश्विक बाजारों पर भी साफ दिखाई देता है। विदेशी बाजारों में ट्रेडिंग वॉल्यूम में गिरावट देखी जाती है और इसका प्रभाव भारतीय बाजारों पर भी पड़ता है।
सर्दी और छुट्टियों का प्रभाव
साल के आखिरी दिनों में सर्दी अपने चरम पर होती है। इस दौरान बर्फबारी वाले इलाकों में छुट्टियां मनाने वाले पर्यटकों की संख्या बढ़ जाती है। इससे होटल और ट्रैवल इंडस्ट्री में तो हलचल रहती है, लेकिन बाजार में कारोबार का उत्साह धीमा पड़ जाता है।
बीते वर्षों का ट्रेंड और भविष्य का अनुमान
पिछले कई वर्षों के आंकड़े बताते हैं कि साल के अंत में विदेशी निवेशकों का रुख बाजार से पैसा निकालने का रहता है। इसका असर शेयर बाजारों में दिखाई देता है, जहां निवेशकों की सक्रियता कम हो जाती है। इसी वजह से बाजार में उतार-चढ़ाव कम देखने को मिलता है और निवेशक सतर्कता बरतते हैं।
हालांकि, यह सुस्ती अधिक समय तक नहीं रहती। जनवरी के दूसरे सप्ताह से बाजारों में विदेशी निवेशकों की सक्रियता फिर से बढ़ने लगती है। नए साल की शुरुआत के बाद कंपनियों के प्रदर्शन और अर्थव्यवस्था से जुड़े संकेतकों के आधार पर बाजार में नई चाल देखने को मिलती है।
निवेशकों के लिए संदेश
इस समय, निवेशकों को सलाह दी जाती है कि वे बाजार की इस सुस्ती में धैर्य बनाए रखें और लॉन्ग-टर्म के नजरिए से निवेश की रणनीति तैयार करें। इस दौरान मूल्यांकन करना और मजबूत कंपनियों के शेयर खरीदने पर ध्यान देना बेहतर हो सकता है।
क्रिसमस और नए साल के मौके पर बाजारों में अवकाश और सुस्ती का माहौल रहना सामान्य है। विदेशी निवेशकों की गतिविधियां और छुट्टियों के कारण बाजार में ट्रेडिंग वॉल्यूम कम रहेगा। हालांकि, भारतीय बाजार नए साल पर बंद नहीं होते, जिससे घरेलू निवेशकों को सामान्य रूप से कारोबार करने का अवसर मिलता है। अगले सप्ताह से नए साल की शुरुआत के साथ बाजार में फिर से गति आने की उम्मीद की जा सकती है।