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केंद्र सरकार ने Income Tax Bill 2025 को गुरुवार को लोकसभा में पेश करने की योजना बनाई है। इस बिल का काफी समय से इंतजार किया जा रहा था। यह नया बिल 1961 के पुराने आयकर कानून को बदलकर एक आसान और स्पष्ट टैक्स प्रणाली लाने की कोशिश करेगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण इस बिल को लोकसभा में पेश करेंगी।
क्या होगा नया बदलाव?
‘पिछले वर्ष’ (Previous Year) की जगह अब ‘टैक्स ईयर’ (Tax Year) शब्द इस्तेमाल होगा।
‘असेसमेंट ईयर’ (Assessment Year) को खत्म कर दिया जाएगा।
पुरानी जटिल भाषा को आसान बनाया जाएगा, जिससे आम लोगों को इसे समझने में आसानी होगी।
टीडीएस, अनुमानित टैक्स, वेतन और फंसे कर्ज से जुड़ी कटौतियों के लिए तालिकाएं जोड़ी जाएंगी, जिससे पढ़ना और समझना आसान होगा।
‘टैक्सपेयर चार्टर’ जोड़ा गया है, जो करदाताओं के अधिकारों और जिम्मेदारियों को स्पष्ट करेगा।
पुराने कानून से कितना अलग होगा नया कानून?
पुराने आयकर कानून 1961 में 298 धाराएं और 14 अनुसूचियां थीं।
नए बिल में 536 धाराएं, 23 अध्याय और 16 अनुसूचियां होंगी।
पहले 1961 का कानून 880 पेज का था, लेकिन समय के साथ बदलावों की वजह से यह काफी जटिल और बड़ा हो गया।
नए कानून में सिर्फ 622 पेज होंगे और इसे आसान भाषा में लिखा गया है।
क्या नया टैक्स लगेगा?
नहीं, इस बिल में कोई नया टैक्स नहीं लगाया गया है। इसका मुख्य उद्देश्य सिर्फ टैक्स सिस्टम को सरल और पारदर्शी बनाना है।
कठिन अंग्रेजी शब्द हटाए जाएंगे
ब्रिटिश काल से चले आ रहे कई मुश्किल कानूनी शब्द हटाए जा रहे हैं। जैसे—
‘नॉटविथस्टैंडिंग (Notwithstanding)’ को हटाकर ‘अपरिहार्य (Unavoidable)’ शब्द जोड़ा जाएगा।
छोटे वाक्यों का इस्तेमाल किया जाएगा ताकि आम लोग इसे आसानी से पढ़ और समझ सकें।
कब लागू होगा नया कानून?
अगर यह लोकसभा और राज्यसभा से पास हो जाता है, तो 1 अप्रैल 2026 से इसे लागू करने की उम्मीद है।
लोकसभा में पेश होने के बाद क्या होगा?
बिल को पहले वित्त पर संसदीय स्थायी समिति के पास भेजा जाएगा।
समिति द्वारा सभी सुझावों और बदलावों पर चर्चा की जाएगी।
इसके बाद संसद में दोबारा पेश करके इसे पास करवाया जाएगा।
Income Tax Bill 2025 का उद्देश्य करदाताओं के लिए टैक्स सिस्टम को सरल और समझने में आसान बनाना है। इस नए कानून से टैक्स भरने की प्रक्रिया आसान होगी, जटिल शब्दों और नियमों से छुटकारा मिलेगा, और टैक्स सिस्टम को ज्यादा पारदर्शी बनाया जाएगा।