वॉशिंगटन: अमेरिका के स्थानीय और राज्य चुनावों में भारतीय-अमेरिकी समुदाय का प्रभाव लगातार बढ़ रहा है। दशकों पहले अमेरिकी राजनीति में भारतीय-अमेरिकी नाम गिने-चुने होते थे, लेकिन अब इस समुदाय का प्रभाव तेजी से बढ़ रहा है। इस बार के चुनाव में 3 दर्जन से भी अधिक भारतीय-अमेरिकी उम्मीदवार अलग-अलग पदों के लिए चुनावी मैदान में हैं, जो अमेरिका की राजनीति में भारतीय समुदाय के बढ़ते महत्व का संकेत है।
भारतीय-अमेरिकी कांग्रेसमैन राजा कृष्णमूर्ति ने इस बारे में कहा, “अगर आप टेबल पर नहीं हैं, तो आप मेन्यू पर हैं।” उनका मानना है कि समुदाय के सदस्यों को राजनीति में भाग लेकर अपनी आवाज बुलंद करनी चाहिए। वे भारतीय-अमेरिकियों को राजनीति में सक्रिय होने के लिए प्रोत्साहित करते हैं ताकि वे अमेरिका के विभिन्न स्तरों पर अपनी भूमिका निभा सकें।
कैलिफोर्निया में भारतीय-अमेरिकी समुदाय का दबदबा
कैलिफोर्निया, जहां करीब 9 लाख भारतीय-अमेरिकी रहते हैं, भारतीय-अमेरिकी नेताओं के प्रभाव का एक प्रमुख केंद्र बन गया है। यहां कांग्रेस में रो खन्ना और डॉ. अमी बेरा जैसे भारतीय-अमेरिकी प्रतिनिधि पहले से ही अपनी सेवाएं दे रहे हैं। इस बार के चुनाव में भी कई भारतीय-अमेरिकी उम्मीदवार कैलिफोर्निया में सक्रिय हैं। इनमें शामिल हैं:
आदला चिस्ती (काउंटी सुपरवाइजर, डिस्ट्रिक्ट 11)
अलिया चिस्ती (सैन फ्रांसिस्को सिटी कॉलेज बोर्ड)
दर्शना पटेल (स्टेट असेंबली)
निकोले फर्नांडीज (सैन मेटेओ सिटी काउंसिल)
नित्या रामन (लॉस एंजिल्स सिटी काउंसिल)
ऋचा अवस्थी (फोस्टर सिटी काउंसिल)
सुखदीप कौर (एमेरीविल सिटी काउंसिल)
इसके अलावा, तारा श्रीकृष्णन कैलिफोर्निया विधानसभा के डिस्ट्रिक्ट 26 से चुनावी मैदान में हैं। कैलिफोर्निया में भारतीय-अमेरिकी समुदाय का यह प्रभाव दर्शाता है कि यह राज्य अमेरिकी राजनीति में भारतीय समुदाय का गढ़ बन गया है।
मिशिगन, एरिजोना और पेंसिलवेनिया में सक्रिय भारतीय-अमेरिकी उम्मीदवार
कैलिफोर्निया के अलावा अन्य राज्यों में भी भारतीय-अमेरिकी उम्मीदवार अपनी पहचान बना रहे हैं। मिशिगन में डॉ. अजय रामन (ऑकलैंड काउंटी कमीशनर), अनिल कुमार और रंजीव पुरी (मिशिगन राज्य हाउस) के लिए चुनाव लड़ रहे हैं। एरिजोना में प्रिया सुंदरेशन स्टेट असेंबली के लिए उम्मीदवार हैं, जबकि रवी शाह स्कूल बोर्ड के लिए चुनावी दौड़ में शामिल हैं। पेंसिलवेनिया में आनंद पाटेकर, आनना थॉमस, अरविंद वेंकट (स्टेट हाउस) और निकिल सावल (स्टेट सीनेट) के लिए मैदान में हैं।
जॉर्जिया में अश्विन रामास्वामी की चर्चा
जॉर्जिया में अश्विन रामास्वामी राज्य सीनेट के लिए चुनाव लड़ रहे हैं, और उनकी उम्र कम होने के कारण वह जॉर्जिया स्टेट सीनेट में सबसे युवा सदस्य बन सकते हैं। हालांकि, चुनाव प्रचार के दौरान उन्हें नस्लीय और नफरत भरी टिप्पणियों का सामना करना पड़ा है। इसके बावजूद, वे मजबूती से चुनावी मैदान में डटे हुए हैं।
अन्य राज्यों में भारतीय-अमेरिकी उम्मीदवारों की सक्रियता
इसके अलावा, इलिनॉयस में अनुशा थोठकुरा स्कूल बोर्ड और नबील सैयद राज्य हाउस के लिए चुनाव लड़ रहे हैं। ओहायो में चांतेल रघु काउंटी कमीशनर और पवन पारिख काउंटी क्लर्क ऑफ कोर्ट्स के पद के लिए मैदान में हैं। वर्जीनिया में डैनी अवुला रिचमंड के मेयर पद के लिए उम्मीदवार हैं।
टेक्सास और न्यूयॉर्क में भी भारतीय-अमेरिकी उम्मीदवार
टेक्सास में भारतीय-अमेरिकियों की मजबूत उपस्थिति है, जहां अशिका गांगुली, कार्थिक सूरा, नबील शीक, रमेश प्रेमकुमार, रवि सांडिल, सलमान भोजानी, शेखर सिन्हा, शरीन थॉमस, सुलेमान लालानी और सुम्बल ज़ेब जैसे उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं।
न्यूयॉर्क में जेरमी कूनी और मनीता सांगवी (स्टेट सीनेट) और जोहन ममदानी (स्टेट असेंबली) के लिए उम्मीदवार हैं। वॉशिंगटन में मनका धींगरा एटर्नी जनरल पद के लिए और मोना दास पब्लिक लैंड्स कमिशनर के लिए चुनावी दौड़ में शामिल हैं।
भारतीय-अमेरिकी समुदाय का बढ़ता दबदबा
भारतीय-अमेरिकी समुदाय का अमेरिकी राजनीति में इस बढ़ते दबदबे से स्पष्ट है कि वे इस मुल्क के सियासी परिदृश्य पर अपनी गहरी छाप छोड़ने के लिए तैयार हैं। भारतीय-अमेरिकी उम्मीदवारों की बढ़ती संख्या और उनके समुदाय का यह प्रभाव अमेरिका की राजनीति में उनकी गहरी पैठ का प्रतीक है।