जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद की घटनाओं में बढ़ोतरी हो रही है, जिसका सामना सुरक्षाबलों को हर दिन करना पड़ रहा है। शनिवार, 2 नवंबर 2024 को श्रीनगर और दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग जिले में दो अलग-अलग मुठभेड़ें हुईं। इन मुठभेड़ों में सुरक्षाबलों ने तीन आतंकवादियों को मार गिराया। यह घटनाएं क्षेत्र में बढ़ती आतंकी गतिविधियों की पुष्टि करती हैं और सुरक्षाबलों के प्रयासों की अहमियत को दर्शाती हैं।
अनंतनाग में मुठभेड़: तीन आतंकियों का खात्मा
अनंतनाग जिले के कोकरनाग इलाके में शनिवार को सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच मुठभेड़ हुई। सेना की 19 आरआर (राष्ट्रीय राइफल्स) और 7 पैरा की टीम ने घेराबंदी की, जिसके बाद एक आतंकी को मार गिराया गया। इसके बाद अनंतनाग के ही कछवान इलाके में भी आतंकियों के छिपे होने की सूचना मिली, जहां सुरक्षाबलों ने सर्च ऑपरेशन शुरू किया। इस अभियान के दौरान सुरक्षाबलों ने दो विदेशी आतंकियों (एफटी) को ढेर कर दिया। सूत्रों के मुताबिक, मुठभेड़ स्थल पर अभी भी एक और आतंकी के छिपे होने की संभावना है। सुरक्षाबलों ने इलाके की घेराबंदी कर दी है और तलाशी अभियान जारी है।
श्रीनगर के खानयार इलाके में मुठभेड़
अनंतनाग के अलावा श्रीनगर के खानयार इलाके में भी शनिवार को सुरक्षाबलों और आतंकवादियों के बीच मुठभेड़ हुई। स्थानीय सूत्रों के मुताबिक, सुरक्षाबलों को सूचना मिली थी कि इलाके में कुछ आतंकी छिपे हुए हैं। इसके बाद सुबह ही इलाके में सर्च अभियान चलाया गया। जैसे ही सुरक्षाबलों ने आतंकियों की तलाश शुरू की, उन्होंने उन पर गोलियां बरसानी शुरू कर दीं। सुरक्षाबलों ने भी जवाबी कार्रवाई की, और मुठभेड़ तेज हो गई। हालाँकि, इस मुठभेड़ में अब तक किसी के हताहत होने की खबर नहीं आई है, लेकिन सुरक्षाबलों की ओर से सर्च ऑपरेशन जारी है।
बढ़ते आतंकी हमले: हाल की घटनाओं का जायजा
हाल के दिनों में जम्मू-कश्मीर में आतंकी हमलों में वृद्धि देखी जा रही है। पिछले सोमवार, 28 अक्टूबर 2024 को जम्मू-कश्मीर के अखनूर इलाके में एक और हमला हुआ, जहां आतंकियों ने सेना के एक वाहन पर गोलीबारी की। इस हमले के बाद पूरे इलाके की घेराबंदी कर सर्च अभियान चलाया गया, और अतिरिक्त सुरक्षाबल तैनात किए गए थे।
इसके अतिरिक्त, आतंकियों ने गुलमर्ग के पास सेना के एक वाहन को भी निशाना बनाया था, जिसमें दो सैनिकों और दो स्थानीय पोर्टरों की जान चली गई थी। इस हमले में एक अन्य सैनिक गंभीर रूप से घायल हो गया था, जिसने अगले दिन दम तोड़ दिया। इस घटना ने पूरे क्षेत्र में एक बार फिर से सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ा दी है। इस हमले के बाद सुरक्षाबलों ने इलाके में तलाशी अभियान शुरू किया और आतंकियों की तलाश में कई जगहों पर घेराबंदी की।
सुरक्षाबलों की चुनौतियाँ और प्रयास
जम्मू-कश्मीर में आतंकियों के बढ़ते हमलों से सुरक्षाबलों के सामने नई चुनौतियां खड़ी हो रही हैं। सुरक्षा एजेंसियों के मुताबिक, सीमा पार से आतंकियों की घुसपैठ में फिर से तेजी आई है। आतंकी संगठन स्थानीय लोगों के बीच भय का माहौल बनाने की कोशिश कर रहे हैं और सेना एवं पुलिस के खिलाफ हमले कर रहे हैं। इसके जवाब में सेना ने कड़े कदम उठाए हैं और कई ऑपरेशनों में आतंकियों को ढेर करने में कामयाबी हासिल की है।
स्थानीय निवासियों पर आतंकवाद का असर
इन घटनाओं का असर स्थानीय निवासियों पर भी देखा जा रहा है। बार-बार होने वाली मुठभेड़ों और हमलों से लोगों में असुरक्षा का माहौल बनता जा रहा है। सुरक्षा एजेंसियां स्थानीय निवासियों से भी सतर्क रहने की अपील कर रही हैं और संदिग्ध गतिविधियों की सूचना तुरंत देने के लिए कह रही हैं। स्थानीय लोग भी सुरक्षाबलों का सहयोग कर रहे हैं और अमन-शांति की बहाली में अपना योगदान दे रहे हैं।
सरकार और प्रशासन की प्रतिक्रिया
जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने इन घटनाओं पर सख्त रुख अपनाया है। गृह मंत्रालय ने सुरक्षा स्थिति की समीक्षा के लिए उच्च अधिकारियों के साथ बैठक की है और राज्य में सुरक्षा कड़ी करने के निर्देश दिए हैं। अधिकारियों के अनुसार, सेना और अन्य सुरक्षा एजेंसियों को राज्य में शांति बनाए रखने के लिए हरसंभव कदम उठाने का निर्देश दिया गया है। राज्य में बढ़ती आतंकी गतिविधियों के मद्देनजर सुरक्षाबलों को सतर्क रहने का निर्देश दिया गया है।
जम्मू-कश्मीर में बढ़ती आतंकी गतिविधियां और मुठभेड़ें यह साबित करती हैं कि आतंकवाद को खत्म करने के लिए सुरक्षा बलों का संघर्ष जारी है। सुरक्षाबलों ने हाल के हमलों में आतंकियों को कड़ी चुनौती दी है और कई आतंकियों को मार गिराया है। हालांकि, इन घटनाओं से यह भी स्पष्ट है कि जम्मू-कश्मीर में शांति बहाली के लिए अभी और सख्त कदम उठाने की जरूरत है।