पर्थ में खेले गए बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के पहले टेस्ट मैच में जसप्रीत बुमराह की कप्तानी वाली टीम इंडिया ने ऑस्ट्रेलिया को 295 रनों से हराकर नया इतिहास रच दिया। यह जीत भारतीय क्रिकेट टीम के लिए ऑस्ट्रेलिया की धरती पर रनों के लिहाज से सबसे बड़ी टेस्ट जीत है।
पहली पारी: भारत का संघर्ष और ऑस्ट्रेलिया की पस्त बल्लेबाजी
मैच की शुरुआत भारत के लिए अच्छी नहीं रही, और पहली पारी में टीम इंडिया केवल 150 रन ही बना सकी। हालांकि भारतीय गेंदबाजों ने इस छोटे स्कोर का डटकर बचाव किया। जसप्रीत बुमराह और मोहम्मद सिराज की घातक गेंदबाजी के आगे ऑस्ट्रेलिया की टीम 104 रनों पर सिमट गई। इस शानदार प्रदर्शन ने भारत को पहली पारी में बढ़त दिलाई।
ऑस्ट्रेलिया का संघर्ष और भारत की जीत
534 रनों के पहाड़ जैसे लक्ष्य का पीछा करने उतरी ऑस्ट्रेलियाई टीम के बल्लेबाज भारतीय गेंदबाजों के सामने टिक नहीं पाए। हालांकि, ऑस्ट्रेलिया के लिए ट्रेविस हेड ने 89 रनों की संघर्षपूर्ण पारी खेली, लेकिन बाकी बल्लेबाज भारतीय गेंदबाजी आक्रमण के आगे बेबस नजर आए।
ऑस्ट्रेलिया की पूरी टीम 238 रनों पर ढेर हो गई, और भारत ने 295 रनों से ऐतिहासिक जीत दर्ज की।
इतिहास की सबसे बड़ी जीत
यह जीत ऑस्ट्रेलिया में रनों के अंतर से भारत की सबसे बड़ी टेस्ट जीत है। इससे पहले, साल 1977 में मेलबर्न में भारत ने ऑस्ट्रेलिया को 222 रनों से हराया था। इसके अलावा, WACA ग्राउंड, पर्थ में भारत की यह सबसे बड़ी जीत है। पर्थ में इससे पहले भारत ने 2008 में 72 रनों से जीत हासिल की थी।
भारत की बड़ी उपलब्धि
इस जीत ने भारत को बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में 1-0 की बढ़त दिला दी है। ऑस्ट्रेलिया की धरती पर भारत का यह प्रदर्शन टीम की ताकत और संतुलन को दर्शाता है। इस जीत ने भारतीय क्रिकेट इतिहास में एक और गौरवशाली अध्याय जोड़ दिया है।
आगे का मुकाबला
इस शानदार शुरुआत के बाद भारतीय टीम का आत्मविश्वास चरम पर है। दूसरा टेस्ट मैच दोनों टीमों के लिए अहम होगा, क्योंकि ऑस्ट्रेलिया अपनी वापसी के लिए पूरी कोशिश करेगा। वहीं, भारतीय टीम इस लय को बरकरार रखते हुए ट्रॉफी पर कब्जा जमाने के इरादे से उतरेगी।
भारत की इस ऐतिहासिक जीत ने पूरे देश को गर्व का अहसास कराया है और क्रिकेट प्रेमियों के लिए यह एक यादगार पल बन गया है।