फोर्ब्स ने 2025 के लिए दुनिया के 10 सबसे शक्तिशाली देशों की सूची जारी की है, जिसमें भारत को शामिल नहीं किया गया है। यह खबर चौंकाने वाली है, क्योंकि भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और इसकी सेना भी दुनिया की सबसे ताकतवर सेनाओं में गिनी जाती है।
कैसे तैयार की गई यह सूची?
यह सूची फोर्ब्स की नहीं, बल्कि US News द्वारा तैयार की गई है, जिसमें कई मानकों के आधार पर देशों को रैंकिंग दी गई है। इस रैंकिंग को तैयार करने के लिए पांच मुख्य पैमानों का उपयोग किया गया:
1. देश के नेता की शक्ति
2. आर्थिक प्रभाव
3. राजनीतिक प्रभाव
4. अंतरराष्ट्रीय गठबंधन
5. सैन्य ताकत
इस रैंकिंग मॉडल को BAV ग्रुप ने विकसित किया है, जो WPP की एक यूनिट है। इसे पेंसिल्वेनिया विश्वविद्यालय के व्हार्टन स्कूल के प्रोफेसर डेविड रीबस्टीन की रिसर्च टीम ने तैयार किया है।
टॉप 10 शक्तिशाली देशों की सूची
1. अमेरिका – 30.34 ट्रिलियन डॉलर की जीडीपी और 34.5 करोड़ की जनसंख्या के साथ यह दुनिया की सबसे शक्तिशाली अर्थव्यवस्था और सैन्य शक्ति बना हुआ है।
2. चीन – 19.53 ट्रिलियन डॉलर की जीडीपी और 141.9 करोड़ की जनसंख्या के साथ यह अमेरिका का सबसे बड़ा प्रतिद्वंदी है।
3. रूस – सैन्य ताकत के कारण यह तीसरे स्थान पर है, हालांकि इसकी अर्थव्यवस्था (2.2 ट्रिलियन डॉलर) अमेरिका और चीन से काफी पीछे है।
4. यूके – 3.73 ट्रिलियन डॉलर की जीडीपी के साथ यह यूरोप में प्रभावशाली बना हुआ है।
5. जर्मनी – 4.92 ट्रिलियन डॉलर की जीडीपी के साथ यह यूरोप की सबसे मजबूत अर्थव्यवस्था है।
6. दक्षिण कोरिया – 1.95 ट्रिलियन डॉलर की जीडीपी और तकनीकी विकास के कारण यह टॉप 10 में शामिल है।
7. फ्रांस – 3.28 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था और सैन्य शक्ति के कारण यह सूची में है।
8. जापान – 4.39 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था और तकनीकी प्रगति ने इसे टॉप 10 में बनाए रखा है।
9. सऊदी अरब – 1.14 ट्रिलियन डॉलर की जीडीपी और तेल उत्पादन के कारण इसकी अंतरराष्ट्रीय पकड़ मजबूत है।
10. इजरायल – 550.91 बिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था और अत्याधुनिक सैन्य ताकत के कारण इसे स्थान मिला है।
भारत को बाहर रखने पर विवाद
भारत की अर्थव्यवस्था 3.7 ट्रिलियन डॉलर से अधिक है, जो यूके और फ्रांस जैसी अर्थव्यवस्थाओं के बराबर है। इसके अलावा, भारत के पास दुनिया की चौथी सबसे बड़ी सेना है और यह दुनिया की सबसे बड़ी लोकतांत्रिक शक्ति भी है। ऐसे में, भारत को सूची से बाहर रखना कई लोगों को अजीब लग रहा है।
विशेषज्ञों का मानना है कि भारत की कूटनीतिक स्थिति और अंतरराष्ट्रीय गठबंधनों को इस सूची में पर्याप्त महत्व नहीं दिया गया, जिससे उसे जगह नहीं मिली। हालांकि, भारत वैश्विक मंच पर तेजी से उभर रहा है और आने वाले वर्षों में इसे इस सूची में जरूर शामिल किया जा सकता है।
Forbes की यह सूची अमेरिका, चीन और रूस को सबसे ताकतवर देशों के रूप में दिखाती है, लेकिन भारत जैसी उभरती हुई महाशक्ति को बाहर करने से इसकी आलोचना हो रही है। यह रैंकिंग मॉडल किस तरह देशों का आकलन करता है, इस पर सवाल उठ रहे हैं। भविष्य में, अगर भारत अपनी कूटनीतिक शक्ति और अंतरराष्ट्रीय प्रभाव को और मजबूत करता है, तो निश्चित रूप से उसे इस सूची में जगह मिलेगी।