कनाडा के ब्रैम्पटन में खालिस्तान समर्थक सिख अलगाववादियों द्वारा हिंदू सभा मंदिर पर हमले की घटना सामने आई है, जिससे स्थानीय हिंदू समुदाय में भय का माहौल व्याप्त है। घटना के वीडियो में देखा जा सकता है कि खालिस्तान समर्थक मंदिर के बाहर प्रदर्शन कर रहे थे, और फिर अचानक उन्होंने मंदिर के भीतर घुसकर लाठी-डंडों से वहां मौजूद हिंदुओं पर हमला कर दिया। इस हमले में हिंदू समुदाय के कई लोग घायल हुए हैं, हालांकि पुलिस के हस्तक्षेप के बाद ही स्थिति को नियंत्रण में लाया जा सका।
इस मामले पर भारत सरकार की ओर से भी सख्त प्रतिक्रिया आई है। टोरंटो स्थित भारतीय वाणिज्य दूतावास ने इस हिंसक घटना की कड़ी निंदा की है और कनाडाई प्रशासन से त्वरित कार्यवाही करने की मांग की है। भारतीय दूतावास ने एक बयान में कहा कि टोरंटो के पास ब्रैम्पटन स्थित हिंदू सभा मंदिर के बाहर आयोजित कांसुलर शिविर के दौरान भारत-विरोधी तत्वों द्वारा हिंसक गतिविधियों को अंजाम दिया गया। दूतावास ने पुलिस की सराहना करते हुए धन्यवाद भी दिया कि उन्होंने त्वरित प्रतिक्रिया देकर स्थिति को शांत किया और हिंदू समुदाय की सुरक्षा सुनिश्चित की।
घटना के बाद से कनाडा की ट्रूडो सरकार के रवैये को लेकर सवाल उठाए जा रहे हैं। भारतीय समुदाय का कहना है कि इस घटना के बावजूद अब तक किसी भी हमलावर की गिरफ्तारी नहीं की गई है, जिससे सरकार की गंभीरता पर संदेह पैदा होता है। पिछले कुछ महीनों में कनाडा में खालिस्तान समर्थक गतिविधियों में बढ़ोतरी देखने को मिली है, और इससे भारतीय समुदाय में चिंता गहराती जा रही है।
इस घटना के बाद, ब्रैम्पटन के हिंदू समुदाय में भय और आक्रोश दोनों व्याप्त हैं। इस हमले ने एक बार फिर से कनाडा में बढ़ती सिख अलगाववादी गतिविधियों और उसके प्रभावों पर सवाल खड़े कर दिए हैं। भारतीय समुदाय के लोग मांग कर रहे हैं कि कनाडा सरकार ऐसे तत्वों पर सख्ती से रोक लगाए और उनके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई करे।
भारत ने भी इस मुद्दे को गंभीरता से लेते हुए कनाडा सरकार से अपेक्षा की है कि वह इस घटना की उचित जांच करे और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही सुनिश्चित करे।